एक साल में तीन ही भारत रत्न सम्मान देने की परंपरा

Feb 09, 2024

खरी खरी संवाददाता

नई दिल्ली, 9 फरवरी। यह पहला मौका है जब देश की सरकार ने एक ही साल में पांच विभूतियों को भारत रत्न से अलंकृत करने का फैसला लिया है। दो विभूतियों कर्पुरी ठाकुर तथा लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान अलग अलग किया गया था, लेकिन तीन विभूतियों चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हाराव तथा एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न का ऐलान एक साथ किया गया। अभी सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किस हस्ती को किस साल के लिए भारत रत्न दिया जाएगा, लेकिन यह माना जा रहा है कि जिन तीन विभूतियों का नाम एक साथ घोषित किया गया है, उन तीनों को इस साल का भारत रत्न दिया जाएगा। अन्य दोनों हस्तियों को पिछले सालों का भारत रत्न दिया जाएगा। एक साल में अधिकतम तीन भारत रत्न दिए जाने की परंपरा है।

भारत रत्न की कुछ जानकारियां

  • भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
  • जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना कोई भी व्यक्ति इस सम्मान के लिए पात्र है।
  • यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में उच्चतम स्तर की असाधारण सेवा/प्रदर्शन की मान्यता के लिए प्रदान किया जाता है।
  • भारत रत्न के लिए सिफारिशें स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को किया जाता है। इसके लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं होती है।
  • पुरस्कार प्रदान किए जाने पर, प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक प्राप्त होता है। पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं है।
  • हर साल ज्यादा से ज्यादा तीन लोगों को ही भारत रत्न से सम्मानित करने की परंपरा रही है।
  • संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, पुरस्कार का उपयोग प्राप्तकर्ता के नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में नहीं किया जा सकता है।
  • यदि कोई पुरस्कार विजेता इसे आवश्यक समझता है, तो वह अपने बायोडाटा/लेटरहेड/विजिटिंग कार्ड आदि में निम्नलिखित अभिव्यक्ति का उपयोग कर सकता है।
  • सबसे पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था।
  • अब तक कुल 48 लोगों को भारत रत्न सम्मान दिया गया है। आखिरी बार ये सम्मान साल 2019 में दिया गया था।
  • वर्ष 1956, 1959, 1960, 1964, 1965, 1967, 1968-70, 1972-74, 1977-79, 1981, 1982, 1984-86, 1993-96, 2000, 2002-08, 2010-13, 2020-22 में भारत रत्न नहीं दिया गया।
  • यह पहला मौका है, जब एक साथ पांच लोगों को इस सम्‍मान से सम्‍मानित करने का एलान किया गया है।
  • ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों से किसी को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया था, अभी इस बात की घोषणा नहीं हुई है कि किस शख्सियत को किस साल के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।
  • राज्य सरकार भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं।
  • मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन ३५ मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया।