हनी ट्रैप का जिन्न फिर बोतल से बाहर, असली निकली अश्लील सीडी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 9 जनवरी। करीब डेढ़ साल पहले मध्य प्रदेश के सियासी और प्रशासनिक गलियारों में तहलका मचा देने वाले बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। हनी ट्रैप की आरोपियों से मिली सीडी, पोर्न फिल्में, वीडियो असली पाए गए हैं। हैदराबाद फारेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट ने इनके असली होने पर मुहर लगा दी है। ऐसे में बोतल में बंद हनी ट्रैप का जिन्न एक बार फिर बाहर आने के आसार बढ़ गए हैं। यह रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले की जांच में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। मामले की जांच कर रही पुलिस की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को सीएफएसएल की रिपोर्ट मिल गई है। एसआईटी इस रिपोर्ट को परीक्षण के बाद हाई कोर्ट को सौंप देगी, क्योंकि इस मामले की जांच एसआईटी हाईकोर्ट की निगरानी में कर रही है।हनी टैप मामले ने साल 2019 के तीसरे पखवाड़े में मध्यप्रदेश में तहलका मचा दिया था। भोपाल में खूबसूरत महिलाओं द्वारा संचालित एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ था जो सत्ता और सियासत के रसूखदार लोगों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर उनकी अश्लील वीडियो बना लेता था। इसके बाद इन वीडियो की दम पर उन रसूखदारों को ब्लैकमेल वसूली की जाती थी। हनी ट्रैप का पहला मामला 19 सितंबर 2019 को इंदौर के पलासिया थाने में दर्ज हुआ था। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्होंने कुछ महिलाओं द्वारा उन्हें ब्लैकमेल कर वसूली किए जाने का आरोप लगाया था। उनकी इस रिपोर्ट के बाद इस मामले की जांच शुरू हुई और भोपाल से तमाम महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। महिलाओं का यह गिरोह अपनी खूबसूरती के जाल में रसूखदार लोगों को फंसाता था। उसके बाद अपने साथ काम करने वाली लड़कियों को उनके उनके पास भेजा जाता था। महिलाएं खुद बड़ी चालाकी के साथ अपनी ही लड़की हो और रसूखदार व्यक्ति की सीडी बना लिया करती थी। उसके बाद पूरा गिरोह ब्लैकमेल करके पैसे वसूल करता था। इसके साथ गिरोह अपने एनजीओ और अपनी संस्थाओं के लिए काम भी इन रसूखदारों से लेता था। हुस्न के जादू में फंसे रसूखदार नियमों को ताक पर रखकर उन्हें काम दिया करते थे। इनमें कई बड़े अधिकारी तथा मंत्री भी शामिल थे। मंत्रियों के निजी स्टाफ में शामिल पीए और पीएस जैसे कर्मचारी भी गिरोह का शिकार बने हैं। हरभजन सिंह की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने छापामार कर गिरोह में शामिल महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। मामले के तार बड़े रसूखदार लोगों से जुड़े होने के कारण सरकार ने मामले की जांच के लिए पुलिस की एसआईटी बना दी थी। मप्रहाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस मामले कीजांच अपनी निगरानी में करने के आदेश दिए थे। इसलिए एसआईटी मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कर रही है। गिरफ्तार महिलाओं के मोबाइल से बहुत सारी पोर्न फिल्में बरामद हुई थीं। पोर्न फिल्मों की सीडी और पेन ड्राइव भी उनके पास से बरामद हुए थे। इन्हें जांच के लिए फारेंसिक लैब हैदराबाद भेजा गया था। लैब ने सभी को असली बताया है, इसमें किसी तरह की कोई टैंपरिंग नहीं की गई है। लैब की रिपोर्ट के बाद मामले की जांच में तेजी आने की उम्मीद है। मामले में एसआईटी अब हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अगला कदम उठाएगी हाई कोर्ट हाई कोर्ट के सामने पेश करेगी।
इस मामले में अब तक गिरफ्तार आरोपी
- श्वेता जैन (39) पति विजय जैन निवासी मकान नंबर 304 न्यू मीनाल रेसीडेंसी, भोपाल
- बरखा सोनी भटनागर (34) पति अमित सोनी, निवासी मकान नंबर 172 थर्ड फ्लोर आराधना नगर भोपाल।
- श्वेता जैन (48) पति स्वपनिल जैन, निवासी मकान नंबर 48 फेस 2 रिवेयरा टाउन भोपाल।
- आरती दयाल (29) पति पंकज दयाल, निवासी सागर लैंडमार्क, मीनाल रेसीडेंसी भोपाल।
- मोनिका यादव (18) ग्राम सवस्या नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़
- ओम प्रकाश कोरी (45) पिता राम हर्ष कोरी निवासी आदमपुर छावनी, भोपाल