सेवादल के शिविर में संघ के खिलाफ साहित्य बंटने से मचा बवाल
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 2 जनवरी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनुशांगिक संगठन सेवादल के भोपाल में आज से शुरू हुए विषारद शिविर में आरएसएस और भाजपा के खिलाफ साहित्य बांटे जाने से सियासी बवाल मच गया है। शिविर में बांटी गई दो किताबों 'आरएसएस और बीजेपी, कुछ तथ्य और जानकारी' और वीर सावरकर कितने वीर में संघ, भाजपा, सावरकर को लेकर अनर्गल टिप्पणियां की गई हैं।
राजधानी भोपाल के बैरागढ़ में सेवा दल का दस दिवसीय अखिल भारतीय शिविर गुरुवार से शुरू हुआ है। इसमें बांटे गए साहित्य में आरएसएस को नाज़ीवादी और फासीवादी बताया गया है। बीजेपी को यह नागवार गुजरा है। बीजेपी इस साहित्य को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है, तो कांग्रेस नेता इस साहित्य को सही बता रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कोई गलत जानकारी सेवा दल के कार्यकर्ताओं को नहीं दी गई, जो सच्चाई है, जो हकीकत है, वही उन्हें बताया जा रहा है। कार्यकर्ता यही जानकारी जनता को देंगे। शिविर में वितरित किताबों में बताया गया है कि कि आरएसएस ने हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरणा ली है। नेताजी बोस की आजाद हिंद फौज के खिलाफ आरएसएस और हिंदू महासभा की भूमिका का भी जिक्र किया गया है। वीर सावरकर के बारे में भी कई विवादित बातें लिखी गयी हैं। सेवादल शिविर में इस तरह की सामग्री बांटने की ख़बर जैसे ही बीजेपी तक पहुंची, पार्टी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, कांग्रेस अपने लोगों को गलत जानकारी, गलत तथ्य पढ़ाती है, वो अपने लोगों को पप्पू बना रहे हैं।संघ तीस या चालीस के दशक में नहीं, 1925 में बन गया था। सभी लोगा राहुलजी की बुद्धि पर चलते हैं। इन्हें सही जानकारी जुटाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा सावरकर जी का डाक टिकिट तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जारी किया था। उन्होंने सावरकर को आजादी का योद्धा बताया था।