सुषमा के संन्यास के फैसले ने सबको चौंकाया

Nov 21, 2018

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 21 नवंबर। भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अचानक अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करके सबको चौंका दिया। सुषमा जी के फैसले से भाजपा ही नहीं कांग्रेस में भी उनके प्रशंसक हैरान हैं।

सुषमा स्वराज ने विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान इंदौर में अचानक बयान दिया कि वे अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी और उन्होंने अपने फैसले से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा दिया है। उनके इस बयान के बाद सियासी हल्कों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। भाजपा में उनके प्रशंसकों को भरोसा ही नहीं हो रहा है कि सुषमा जी ने यह फैसला कर लिया है। वे अपने स्तर पर यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह फैसला सही है और क्या पार्टी इसे मान लेगी।

दूसरी तरफ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने सुषमा के इस फैसले पर ट्वीट कर कहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हालत को देखकर सुषमा ने 'मैदान छोड़' दिया है। चिदंबरम ने तंज करते हुए कहा कि सुषमा स्मार्ट हैं। वहीं सुषमा स्वराज के इस फैसले पर कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि संसद में विदेश मंत्री के रूप में मैंने उन्हें हमेशा उदार पाया है।

सुषमा स्वराज का चुनाव न लड़ने का ऐलान अप्रत्याशित था। इस फैसले से सवाल उठने लगे कि वो सेहत से परेशान हैं या बीजेपी की अंदरूनी सियासत से। पूछा जाने लगा कि केवल 66 बरस की उम्र में सुषमा स्वराज जैसी दिग्गज नेता को चुनाव से संन्यास का मन क्यों बनाना पड़ा? इस ऐलान से पहले उन्होंने न पार्टी से पूछा और न ही पार्टी को इसकी हवा थी।

सुषमा स्वराज ने आज जो मुकाम बनाया है, वो यूं ही नहीं है. यह पद और प्रतिष्ठा उनके संघर्षों के सिलसिले का अर्जित है। उनकी भाषण शैली विख्यात है। उनके भाषण के मुरीद सत्ता और विपक्ष दोनों में हैं। सुषमा स्वराज पार्टी की बेहद तजुर्बेकार नेता हैं. लेकिन अचानक इस फैसले से सवाल उठना लाजिमी है, क्योंकि 66 की उम्र कोई संन्यास के ऐलान की नहीं होती। कई बार लगा कि सुषमा सरकार में अपनी स्थिति को लेकर सहज नहीं हैं, लेकिन हर बार उन्होंने ऐसे सवालों को टाल दिया। सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई बीजेपी को उनके तजुर्बे की जरूरत नहीं रह गई है। सुषमा स्वराज का 2016 में लंबे समय तक बीमार रहीं। गुर्दे के ऑपरेशन के बाद एम्स में भर्ती रही थीं, लेकिन इसके बाद वो फिर से सक्रिय हो गई थीं। सबको लग रहा था कि अब वो सामान्य है, लेकिन 2019 के चुनाव की ओर बढ़ती हुई बीजेपी को इसका इल्म कतई न था कि सुषमा स्वराज चुनाव न लड़ने का ऐलान करते हुए पार्टी को पूछेंगी तक नहीं। विधानसभा चुनाव के शोर में सुषमा के संन्यास लेने का मामला दब गया है लेकिन लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू होते ही यह मामला जोर पकड़ेगा।