सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ी साध्वी
भोपाल, 16 मई। मालेगांव बम ब्लास्ट कांड में आरोपी रही साध्वी प्रज्ञा को एनआईए की क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा भारती का नया अंदाज दिखाई पड़ रहा है। भोपाल के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करा रही साध्वी अब सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ गई हैं। मध्यप्रदेश पुलिस फिलहाल उनकी इस मांग को पूरी करके कोई नया बवाल मचने से बचना चाह रही है। इसलिए उसने साध्वी को सिंहस्थ में ले जाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे नाराज साध्वी ने अनशन शुरू कर दिया है. सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से
गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है।प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है। प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे।भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।' साध्वी के तेवर ने फिलहाल पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है। भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश पुलिसे के आला अफसर माथा पच्ची में लगे हैं लेकिन कोी हल नहीं निकल रहा है। अब सभी की निगाहें राज्य सरकार पर टिकी हैं।
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