सिंधिया और सीएम की चली, गुना से शाक्य और विदिशा से टंडन प्रत्याशी

Oct 29, 2023

खरी खरी संवाददाता

 भोपाल, 29 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आखिरकार दो बची हुई सीटों गुना और विदिशा पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। गुना सुरक्षित सीट से पन्नालाल शाक्य को और विदिशा से मुकेश टंडन को प्रत्याशी बनाया गया है। यह भाजपा की छठवीं सूची है, जिसकी कई दिन से प्रतीक्षा की जा रही थी। पन्ना लाल शाक्य के लिए पार्टी ने 6 बार के विधायक गोपीलाल जाटव का टिकट काट दिया तो मुकेश टंडन के पिछला चुनाव हारने के बाद भी मैदान में उतारा गया है। गुना का फैसला ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद पर और विदिशा का फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद पर माना जा रहा है।

बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित करने के मामले में बहुत तेजी दिखाई थी। पार्टी ने 39 प्रत्याशियों की पहली सूची तब जारी कर दी थी, जब कांग्रेस सहित अन्य दल चुनाव समिति की बैठकें ही कर रहे थे। बाद में दोनों दलों में प्रत्याशी घोषित करने में बराबरी पर आ गए। लेकिन गुना और विदिशा सीट को बीजेपी ने लंबे समय तक होल्ड पर रखकर सियासी हलचल मचा दी। विदिशा में सीएम शिवराज सिंह चौहान की पसंद पर फैसला होना था। यहां से बीजेपी की पसंद तोरणा सिंह दांगी तो संघ की पसंद श्याम सुदंर शर्मा थे। वहीं सामाजिक समीकरण को देखते हुए पूर्व वित्त मंत्री राघव जी की बेटी ज्योति शाह का नाम सबसे ऊपर था। जैन समाज के वोटरों की अधिक संख्या को देखते हुए ज्योति शाह के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की गई। अंततः सीएम शिवराज सिंह चौहान की पसंद पर पार्टी की मुहर लगी और मुकेश टंडन प्रत्याशी बनाए गए। विदिशा को भाजपा का गढ़ माना जाता है। लेकिन पिछले चुनाव में सीएम की पसंद पर मुकेश टंडन प्रत्याशी बनाए गए तो 46 साल मे पहली बार बीजेपी विदिशा सीट पर हार गई। इसके बावजूद एक बार फिर मुकेश टंडन ही प्रत्याशी बनाए गए हैं।

वहीं गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद पर मामला अटका था। यहां से गोपीलाल जाटव 2018 में करीब 50 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। वे संघ के कट्टर स्वयंसवेक और बीजेपी से 6 बार के एमएलए हैं। इसलिए उनको टिकट मिलना तय था, लेकिन सिंधिया उनके नाम पर सहमत नहीं थे। हालांकि शाक्य और जाटव दोनों ही सिंधिया के खेमे के नहीं हैं, दोनों ही मूलतः संघ और भाजपा के हैं। सिंधिया की नाराजगी इस बात पर थी कि पिछले राज्य सभा चुनाव में गोपीलाल जाटव ने दिग्विजय सिंह को वोट दे दिया था। व्हिप जारी होने के बाद भी गोपीलाल का दिग्विजय सिंह को वोट देना कई सवाल खड़े कर गया। गोपीलाल ने बाद में संगठन, सरकार, संघ सभी को सफाई दी थी कि उनसे वोटिंग सिस्टम को समझने में हुई भूल के कारण यह गलती हुई, उन्होंने जानबूझकर ऐसा नही किया। लेकिन सिंधिया के मन में वह फांस अभी तक गड़ी हुई है। इसलिए अंततः गोपीलाल का टिकट कट गया और उनकी जगह पन्ना लाल शाक्य प्रत्याशी बना दिए गए  जो 2013 में विधायक रह चुके हैं। उन्हें 2018 के चुनाव में टिकट नहीं मिला था।

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