सदस्य न होने के बाद भी भारत जी-7 का मेहमान
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 14 जून। उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-7 की इटली में चल रही बैठक में भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा ले रहे हैं। भारत इस ग्रुप का सदस्य नही है, इसके बाद भी भारत को 2019 से लगातार अतिथि के रूप में जी-7 के सम्मेलन में बुलाया जा रहा है। इस अनौपचारिक वैश्विक मंच की अध्यक्षता इटली कर रहा है। सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और यूरोपीय संघ अमेरिका के नेताओं के साथ-साथ कई राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी इटली गए हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा है। इटली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम है। पीएम मोदी ने जी-7 से इतर कुछ राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात की है। जी-7 एक अनौपचारिक वैश्विक मंच है जिसका पूरा नाम ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) है। यह समूह इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका को एक साथ लाने का काम करता है। यूरोपीय संघ भी समूह में भाग लेता है। 1973 के ऊर्जा संकट के जवाब में आर्थिक और आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच के रूप में जी-7 बनाया गया था। पहला शिखर सम्मेलन 1975 में फ्रांस के रैम्बोइलेट में आयोजित किया गया था जिसमें फ्रांस, अमेरिका, यूके, जर्मनी, जापान और इटली शामिल थे। हालांकि, 1976 में समूह में कनाडा भी शामिल हो गया जोकि जी-7 का वर्तमान स्वरूप भी है। 1997 से 2013 के बीच जी-7 का विस्तार जी-8 में हुआ, जिसमें रूस भी शामिल हो गया। हालांकि, 2014 में क्रीमिया के नियंत्रण में लेने के बाद रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी। हर साल 1 जनवरी से शुरू होकर कोई एक सदस्य देश बारी-बारी से समूह का नेतृत्व संभालता है। 1 जनवरी, 2024 को इटली ने जापान के बाद अध्यक्षता संभाली थी। इटली 31 दिसंबर, 2024 को अध्यक्षता कनाडा को सौंप देगा। शिखर सम्मेलन में सात सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि और अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भाग लेते हैं।