शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर अब पीएम मोदी ने भी माफी मांगी

Aug 31, 2024

खरी खरी संवाददाता 

मुंबई, 31 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग जिले में राजकोट किले पर लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर जाने पर माफी मांगी है। इससेस पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी माफी मांग चुके हैं। मूर्ति गिरने के बाद से ही शिवसेना (ठाकरे गुट) और समूचा विपक्ष सरकार पर हमलावर है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पालघर ज़िले में वधावन बंदरगाह परियोजना के शिलान्यास समारोह के दौरान मूर्ति गिरने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ''मैं इस घटना पर सिर झुका कर माफ़ी मांगता हूं। हमारे लिए शिवाजी आराध्य देव हैं।''मोदी ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल हमारे लिए एक महान व्यक्ति हैं, बल्कि वह हमारे आदर्श हैं। मैं उस मूर्ति के चरणों में सर झुक रहा हूं और उनसे माफ़ी मांग रहा हूं" शिवाजी की इस प्रतिमा का अनावरण बीते साल प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना दिवस के दिन किया था।इस मूर्ति को लगाने का उद्देश्य शिवाजी की मराठा नौसेना और समुद्री सीमाओं की रक्षा की उनकी कोशिशों के प्रति सम्मान दिखाना था।

मूर्ति के ढहने के बाद विपक्षी महाविकास अघाड़ी ने सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)-एनसीपी (अजित पवार गुट) गठबंधन पर निशाना साधा है और माफ़ी की मांग की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी 29 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज से माफ़ी मांगी थी।उन्होंने मीडिया से  बात करते हुए कहा था कि वह शिवाजी महाराज के चरणों में सौ बार सिर रखने को तैयार हैं।उन्होंने कहा था, "शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं, हमारी पहचान हैं। इस मामले का राजनीतिकरण न करें. वे माफ़ी की मांग कर रहे हैं, लेकिन मैं एक बार नहीं, बल्कि सौ बार छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में अपना सिर रखने के लिए तैयार हूं. मुझे इससे कम महसूस नहीं होगा क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं।" उन्होंने यह भी मांग की है कि विपक्ष को यह बताना चाहिए कि जल्द से जल्द छत्रपति शिवाजी की मज़बूत मूर्ति लगाने के लिए क्या किया जा सकता है। इस संबंध में 29 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास 'वर्षा' पर एक अहम बैठक हुई। जिसमें तमाम अधिकारी और नौसेना अधिकारी भी मौजूद रहे। छत्रपति शिवाजी की मूर्ति ढहने के मामले में 29 अगस्त को राज्य सरकार ने जांच के लिए नौसेना के नेतृत्व में एक संयुक्त समिति बनाई थी। नौसेना ने बताया है कि इस समिति में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नौसेना के अधिकारी और तकनीकी जानकार शामिल होंगे। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में एक दूसरी समिति की भी घोषणा की है। ये समिति मूर्ति की जगह पर जल्द से जल्द एक और मूर्ति लगाने के लिए काम करेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कह चुके हैं कि मूर्ति तेज़ हवाओं के कारण गिरी थी।