शिवराज-ज्योति की जोड़ी चलेगी माधव-मोती एक्सप्रेस के ट्रैक पर
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 25 सितंबर। आखिरकार करीब ढाई साल बाद सियासी खेल के महारथी ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परंपरागत संसदीय क्षेत्र गुना पहुंच गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ दो दिन में गुना संसदीय क्षेत्र के हजारों मतदाताओं से सिंधिया ने तमाम नए वायदे कर डाले। उन्होंने कभी राजनीति में चर्चित और सक्रिय रही अपने पिता माधवराव सिंधिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा की जोड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि अब माधव-मोती एक्सप्रेस की तरह शिवराज-ज्योति एक्सप्रेस दौड़ेगी। गुना संसदीय क्षेत्र की चार सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। ऐसे में सिंधिया की इस क्षेत्र में सक्रियता और सियासी चाल ननई इबारत गढ सकती है।
कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का फूल पकड़ने वाले गुना के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 2018 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद से गुना नहीं गए। लोकसभा चुनाव में भी वे सिर्फ प्रचार अभियान के दौरान आए थे। मतगणना वाले दिन भी गुना नहीं गए थे। इस तरह करीब ढाई साल से गुना के लोगों ने अपने उन महाराज को नहीं देखा़ जिन्हें चार बार चुनकर लोकसभा भेजा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आ गए तब लगा कि अब गुना पहुंचकर अपने परंपरागत मतदाताओं को अपनी बगावत के बार में बताएंगे, लेकिन वे तब भी गुना क्षेत्र में नहीं पहुंचे। अब जाकर गुना संसदीय क्षेत्र में तब आए हैं जब उनके साथ उनके समर्थकों की कांग्रेस से बगावत के कारण होने वाले उपचुनावों का काउंटडाउन शुरू हो गया है। अब उन्हें अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और उस समय के मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा की जोड़ी याद आ रही है। वे मतदाताओं को यह बताने से नहीं चूक रहे हैं कि माधव-मोती जोड़ी जैसा कमाल शिवराज-ज्योति की जोड़ी भी करेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया लोगों को अहसास दिला रहे हैं कि वे किसी को भूले नही हैं, वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ उनके कार्यक्रमों में भीड़ भी हो रही है। इसके बाद भी उन्हें चार बार लोकसभा में भिजवाने वाली उनकी पुरानी पार्टी कांग्रेस को उन पर और उनकी सफलता पर भरोसा नहीं है।
कांग्रेस भले ही सिंधिया पर भरोसा नहीं कर रही है, लेकिन भाजपा को भरोसा है कि महाराज की दम पर संसदीय क्षेत्र में अब कमल ही खिलेगा।गुना संसदीय क्षेत्र में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है। इनमें शिवपुरी और गुना जिले में एक-एक और अशोकनगर जिले में दो सीटें हैं। शिवराज-ज्योति की जोड़ी इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में जनता से चुनाव के पहले कई बार मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी दो दिन के दौरे में ही सौगातों का पिटारा खोल दिया है। इसलिए भाजपा को लग रहा है कि मुख्यमंत्री की कल्याणकारी योजनाएं और ज्योतिरादित्य सिंधिया का इमोशनल प्रभाव --- दोनों मिलकर किला फतह कर लेंगे।
शिवराज-ज्योति की जोड़ी माधव मोती एक्सप्रेस जैसा कमाल दिखा पाएगी कि नहीं…..यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन एक बात तय है कि ढाई साल गुना से दूर रहने और दल बदल लेने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस तरह से गुना क्षेत्र के लोगों को प्रभावित किया है, उससे साफ है कि इस इलाके में भाजपा और कांग्रेस नहीं आज भी सिंधिया राजपरिवार सबसे ऊपर है। इसका लाभ अब भाजपा को मिलने की पूरी उम्मीद है।