शिवराज और कमलनाथ के बीच सवालों की सियासत
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 30 जनवरी। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच सवालों की सियासत शुरू हो गई है। दोनों दिग्गज एक दूसरे से सवाल पूछकर आरोप लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरु किए गए सियासी खेल को कमलनाथ ने गंभीरता से ले लिया और मामला आगे बढ़ गया। सीएम ने पहले सवाले के बाद इंतजार किया और कमलनाथ जी की प्रतिक्रिया का इंतजार किया। प्रतिक्रिया आई तो उन्हें तेज हमले का मौका मिल गया। सीएम ने कहा कि कल हमने कमलनाथ जी से सवाल पूछा तो वह बौखला गए। अब वह कह रहे मुख्यमंत्री कोई सवाल पूछता है क्या? तुम जनता को भ्रमित करते रहो। झूठ बोलते रहो और हम तुमसे पूछे भी नहीं कमलनाथ जी, न इधर उधर की बात कर तू ये काफिला क्यों लूटा। तुम ये बताओ वादे पूरे क्यों नहीं किए? कल मैंने पूछा था कांग्रेस ने 2018 में किसानों को वचन दिया था। गेहूं चना सरसों से लेकर सभी फसलों पर बोनस देंगे, लेकिन ढेला नहीं दिया। और फिर भ्रमाने निकले हैं। जवाब देना पड़ेगा। पहले दिए वादे क्यों पूरा नहीं किया। बोनस नहीं दिया उसका जवाब दो।
दूसरा सवाल फिर पूछेंगे कमलनाथ जी आपने 2018 के वचन पत्र में कहा था, दूध उत्पादक कृषकों को दुग्ध संघ के माध्यम से प्रति लीटर ₹5 बोनस देंगे। वा साल में आपने धेला दिया क्या.. जवाब देना पड़ेगा जनता जवाब चाहती है।“कमलनाथ जी मेरे सवालों से भाग रहे हैं वो कह रहे हैं कि पूछ क्यों रहे हो..!हम तो पूछेंगे, तुमने वादे करके पूरे क्यों नहीं किए ,इतने झूठ बोले ,पूरे नहीं किए।अब फिर नए झूठ रोज बोल रहे हो ,ये कर देंगे…आज का मेरा सवाल है-कमलनाथ जी ने 2018 के वचनपत्र में यह कहा था कृषक कन्या विवाह के लिए, कृषक कन्या विवाह सहायता योजना प्रारंभ की जाएगी। इसमें प्रोत्साहन राशि ₹51 हजार दी जाएगी और ढाई एकड़ तक के किसान इसके पात्र होंगे।अब ये कृषक कन्या विवाह सहायता योजना तो कमलनाथ जी ने प्रारंभ की नहीं, जो मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना थी उसमें भी 51 हजार की बात करके आपने फेरे पड़वा दिये, डोली उठवा दी, बेटी ससुराल पहुंच गयी लेकिन धेला नहीं दिया।जवाब तो देना पड़ेगा...।”
सवालों का सिलसिला उम्मीद के विपरीत कमलनाथ को चुभ गया। उन्होंने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। कमलनाथ जी ने कहा कि सुना है शिवराज जी मुझसे सवाल कर रहे हैं कि हमने किन वादों पर अमल किया और किन पर नहीं कर पाए। ऐसे सवाल कोई अस्थिर मति का व्यक्ति ही कर सकता है। मुख्यमंत्री का काम सवाल पूछना नहीं, जनहित की योजनाओं पर अमल करना है। अगर हमारी घोषणा जनहित की है तो आप इसे लागू करें।वैसे, आप कुछ महीने के लिए सवाल बचा कर रखिये। प्रदेश की जनता आपको कुर्सी से हटाकर सवाल पूछने का खूब समय देने वाली है। मुझे लगता है, आप उसी की नेट प्रैक्टिस कर रहे हैं।
सवाल जवाब की यह सियासत चुनाव के दौरान अक्सर होती है लेकिन इस बार यह सियासत दो दिग्गजों के बीच और चुनाव से काफी पहले शुरू हो गई जो साबित करती है कि इस बार चुनाव के मुद्दे क्या होंगे।