व्यापमं से पास 634 मेडिकल छात्रों के एडमीशन रद्द
नई दिल्ली, 13 फरवरी। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में बड़ा फैसला देते हुए करीब 634 छात्रों के 2008 से 2012 के बीच एमबीबीएस में हुए एडमीशन रद्द कर दिए हैं। इसके पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट भी इन एडमीशंस को रद्द कर चुका था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम की चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मप्र हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए छात्रों की याचिका रद्द कर दी।
व्यापमं से मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास करने वाले इन छात्रों को व्यापंम घोटाले की जांच में फर्जी ढंग से प्रवेश परीक्षा पास करने का दोषी पाया गया था। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मप्र हाईकोर्ट ने इन सभी छात्रों के एडमीशन रद्द करने का फैसला दिया था। इस फैसले के खिलाफ छात्र सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने जब हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहरा दिया है तो मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले का मुद्दा फिर ताजा हो गया है। जिन 634 छात्रों के एडमीशन रद्द करने के आदेश हुए हैं, उनमें से अधिकांश एमबीबीएस पास कर चुके हैं। अब सवाल उठ रहा है कि जिन छात्रों को एमबीबीएस की डिग्री मिल चुकी है, उनका क्या होगा। डिग्री के आधार पर जो छात्र डाक्टर के रूप में नौकरी कर रहे हैं, उनका क्या होगा। बताया जा रहा है कि इन छात्रों में कई सरकारी नौकरी में भी है। एक सवाल यह भी उठ रहा है कि गर इन छात्रों के एडमीशन को शून्य माना जाता है तो उन सीटों का क्या होगा, जिन पर इनके एडमीशन हुए थे।