वोटर लिस्ट में आधी आबादी के बढ़ते ग्राफ के आगे सरकारें नतमस्तक
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 6 मार्च। साल 2023 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाड़ली बहना योजना के सियासी परिणाम ने आज देश के कई राज्यों की सरकारों को उसी रास्ते पर ला दिया है। महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकारें दिल खोलकर राज्य का खजाना खोल रही हैं। कुछ दिन बाद होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए फाइनल रूप ले रही देश की वोटर लिस्ट में महिला वोटरों के बढ़े ग्राफ ने राजनीतिक दलों और सरकारों को आधी आबादी के आगे नतमस्तक कर दिया। केंद्र से लेकर राज्यों तक सभी सरकारों को लग रहा है कि आधी आबादी ही चुनावी वैतरणी पार करा सकती है।
साल 2023 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज के कमजोर तबके वाली महिलाओं की माली मदद के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की थी। इस योजना के प्रति महिलाओं के रुझान ने सभी सियासी दलों को चौंका दिया था। प्रदेश की सत्ता में आने को बेताब कांग्रेस ने सत्तारूढ़ होने पर इसी से मिलती जुलती नारी सम्मान योजना शुरू करने की घोषणा कर दी। केंद्र मे सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने इन चुनावो के पहले संसद में नारी वंदन अधिनियम लाकर महिलाओं की सत्ता और सियासत में भागेदारी बढ़ाने का कानून बना दिया। इन योजनाओं पर अमल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अप्रत्याशित विजय हासिल की तो आधी आबादी की सियासी ताकत का अहसास सभी दलों को हो गया। इसलिए अब कई सरकारे इस दिशा मे कदम बढ़ा रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो महतारी वंदन योजना शुरू भी कर दी है। इस योजना के तहत राज्य सरकार महिलाओं को एक हजार रुपए महीने देगी। मध्यप्रदेश की नई सरकार ने लाड़ली बहना योजना को जस का तस चलने दिया है और पंजीकृत महिलाओं को नियत समय पर राशि हर माह दी जा रही है। अब हिमाचल प्रदेश की सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहन सुख सम्मान निधि योजना की घोषणा कर दी है। इस योजना के तहत हितग्राही महिलाओं को 1500 रुपए महीने दिए जाएंगे। दिल्ली की केजरीवाल सरकार महिलाओं को 1000 रुपए महीने देने की तैयारी में हैं। पंजाब सरकार भी इसी तरह की योजना पर अमल करने जा रही है।
राज्यों की तरह केंद्र सरकार भी महिलाओं को लुभाने के मामले में पीछे नही है। मोदी सरकार ने आधी आबादी को संसद और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण के लिए नारी वंदन अधिनियम लाकर साबित कर दिया है कि उसके लिए महिला वोटर बहुत महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकारें महिला शक्ति को प्रभावित करने की कोशिश में और तेजी के साथ जुट गई हैं। इसका एक बड़ा कारण लोकसभा के संभावित वोटरों में महिलाओं की बढ़ती संख्या है। आगामी लोकसभा चुनाव में महिला वोटर्स इस बार जीत की सूत्रधार बन सकती हैं। ऐसा इसलिए संभव हो सकता है, क्योंकि चुनावी इतिहास में पहली बार बड़ी संख्या में महिला वोटर्स हिस्सा लेंगी। अब तक कुल 96.88 करोड़ मतदाता रजिस्टर हुए हैं, जिनमें महिला वोटर्स की संख्या रिकॉर्ड 47.1 करोड़ तक पहुंच गई है। महिला वोटर्स की बढ़ी संख्या को देखते हुए मोदी सरकार आगामी 8 मार्च को कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी देश भर की करोड़ों महिलाओं से संवाद करते हुए भी इस बात के संकेत दिए। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो ब्रिज के माध्यम से देशभर के स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों तथा दीनदयाल अन्त्योदय योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री के इस संवाद कार्यक्रम में विभिन्न समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक करोड़ से अधिक महिलाएं कवर की गई। प्रधानमंत्री का वीडियो कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद की श्रृंखला में यह नौवां संवाद था।