वायनाड में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई, 123 लोगों की मौत, सैकड़ों लापता
खरी खरी डेस्क
तिरुअनंतपुरम, 30 जुलाई। केरल के वायनाड ज़िले में भारी बरसात के बीच भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। अब तक करीब 123 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। भू स्खलन ने चूरालमाला, मुंडाक्कई जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई है। राहत एवं बचाव कार्य में केरल पुलिस और एनडीआरएफ के साथ सेना भी लगी है। मूसलाधार बारिश के चलते राहत एवं बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। वायनाड लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र रहा है।
केरल के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने आधिकारिक तौर पर बताया कि भू स्खलन की घटना सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात करीब एक बजे से चार बजे के बीच हुई। राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मरने वालों की संख्या अब 123 हो गई है। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि सूरज ढलने के बाद भी सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ़, दमकल कर्मियों की मदद से बचाव अभियान चल रहा था। अधिकारी ने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में अभी भी मूसलाधार बारिश हो रही है लेकिन बचाव कार्य जारी है।मुंडाक्कई चाय के बगानों वाला एक छोटा सा कस्बा है जहां असम और पश्चिम बंगाल के लोग बड़ी संख्या में काम करते हैं। एनडीआरएफ़ और दमकल कर्मियों के बचाव दल के सामने सबसे बड़ी मुश्किल चूरालमाला और मुंडाक्कई के बीच पुल का बह जाना है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सेना से भूस्खलन प्रभावित दो अहम जगहों पर अस्थायी पुल बनाने के लिए मदद मांगी है। सेना के वहां पहुंचने से पहले ही एनडीआरएफ़ ने रस्सियों के सहारे शवों को बाहर निकाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। चूरालमाला और मुंडाक्कई में बचाव कार्य जारी रहने के बीच कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से ऐसी ख़बरें भी मिली हैं कि मल्लपुरम के निलांबुर वन क्षेत्र और चलियार नदी में भी इंसानी शरीर के कुछ हिस्से तैरते दिखे हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस इलाके में कम से कम 30 शव मिले हैं।
राज्य के मुख्य सचिव डॉ. वी वेणु ने बताया, कि कई लोग अब भी लापता हैं और मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। एक परेशानी ये भी है कि एक क्षेत्र पूरी तरह अलग-थलग है। हम उस क्षेत्र के बड़े हिस्से तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं। मुख्य सचिव ने कहा, कि एनडीआरएफ की टीम वहां मौजूद है और बैकअप के लिए सेना भी है। हमारे पास अन्य महकमों से भी मदद की पेशकश आ रही है। भूस्खलन के बाद से ही बड़ी संख्या में लोगों के फँसे होने की आशंका जताई गई थी।एनडीआरएफ, कन्नूर डिफेंस सिक्योरिटी कोर और एयर फोर्स के हेलिकॉप्टर बचाव कार्य में जुटे हैं।बारिश के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।