लोकसभा स्पीकर पद की लड़ाई एनडीए की पहली अग्नि परीक्षा
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 18 जून। लगातार तीसरी बार केंद्र के सत्ता सिंहासन पर बैठने वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की मुख्य घटक बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती स्पीकर की ताजपोशी बिना किसी विवाद के करवा लेना है। भाजपा स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है, वहीं गठबंधन के दो मुख्य घटक जद यू और टीडीपी अपना स्पीकर चाहते हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया डिप्टी स्पीकर की कुर्सी पर नजर गड़ाए है। अगर उसे परंपरा अनुसार डिप्टी स्पीकर की कुर्सी नहीं मिली तो वह स्पीकर के लिए सत्तापक्ष के खेल को बिगाड़ने की पूरी कोशिश करेगा। नई लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान ही नए स्पीकर का चुनाव होना है।
पिछली दो लोकसभाओं में बहुमत के जादुई आंकड़े 273 से ज्यादा सीटें अकेले पाने वाली बीजेपी एनडीए की सरकार होने के बावजूद ज्यादा मजबूत थी। इसलिए उसके सारे फैसले गठबंधन सरकार को आसानी से मंजूर हो जाते थे। वहीं इस बार सरकार भले ही एनडीए की है लेकिन लीडर होने के बाद भी बहुमत से कम सीटें होने के कारण बीजेपी सरकार में गठबंधन के भरोसे है। इसलिए स्पीकर की ताजपोशी का मामला उलझ रहा है। पिछली लोकसभा में स्पीकर रहे ओम बिरला को मोदी और शाह फिर स्पीकर बनाना चाहते हैं लेकिन एनडीए में सहमति नहीं बन पा रही है। ऐसे में एनडीए के दो प्रमुख साथियों जद-यू और टीडीपी भी स्पीकर की कुर्सी अपने खाते में रखना चाहते हैं। बीजेपी की ओर से समन्वय की कोशिश में जुटे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जदयू को मनाने में सफल हो गए हैं लेकिन टीडीपी अभी भी ना नुकर कर रही है। उसका रुख अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन इंडिया नया दांव खेल रहा है। इंडिया का दबाव है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परंपरा का पालन करते हुए एनडीए डिप्टी स्पीकर के लिए इंडिया की मांग पर मोहर लगा दे, नहीं तो एनडीए स्पीकर के चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारकर सियासी खेल बिगाड़ेगा। वह टीडीपी पर स्पीकर पद अपने पास रखने का दबाव डालेगा और चुनाव में उसका समर्थन करेगा। एनडीए की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मान मनौव्वल वाली रणनीति पर काम शुरू कर चुके हैं। भाजपा किसी भी हाल में स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है। अगर टीडीपी जिद पर अड़ती है तो बीजेपी सांसद डी पुरंदेश्वरी पर दांव खेल सकती है जो आंध्र प्रदेश बीजेपी की मुखिया हैं और टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। बीजेपी का यह दांव उसे स्पीकर की कुर्सी अपने पास रखने के मामले में जीत दिला सकता है।