रेलवे की नई उपलब्धि, पांच नई वंदे भारत ट्रेन को पीएम ने दिखाई हरी झंडी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 27 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल वंदे भारत ट्रेन को लेकर मध्यप्रदेश के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर आयोजित भव्य समारोह में पांच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। देश में पहली बार एक दिन में इतनी संख्या में वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है।
भारतीय रेल आज एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बना जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के पांच नए एवं उन्नत संस्करणों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम के दौरान, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, कई जन प्रतिनिधि कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे।आरामदायक और उन्नत अनुभव वाली रेल यात्रा के एक नए युग की शुरुआत करते हुए, रानी कमलापति-जबलपुर, रानी कमलापति-इंदौर, गोवा (मडगांव)-मुंबई, रांची-पटना और धारवाड़-बेंगलुरु के बीच पांच नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। आज रवाना की गईं ये वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न राज्यों की राजधानियों और अन्य शहरों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, यात्रा में लगने वाले समय को कम करेंगी तथा यात्रा को और आरामदायक बनायेंगी। ये वंदे भारत ट्रेनें नए भारत-विकसित भारत के संदेश को देश के कोने-कोने तक पहुंचा रही हैं।
- रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से प्रस्थान करेगी और नरसिंहपुर, पिपरिया तथा नर्मदापुरम रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन जबलपुर स्टेशन पहुंचेगी।
वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू होने से मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जबलपुर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आसपास के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ - साथ इस इलाके का सर्वांगीण विकास भी होगा।
- रानी कमलापति-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस
भोपाल-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भोपाल रेलवे स्टेशन से प्रस्थान करेगी और उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रुकते हुए उसी दिन इंदौर स्टेशन पहुंचेगी। रानी कमलापति से इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन के चलने से यात्रा आसान और तेज होगी। साथ ही, यह इन इलाकों की संस्कृति, पर्यटन और तीर्थ स्थलों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। वंदे भारत एक्सप्रेस एक सुखद और बेहतर रेल यात्रा का अनुभव भी प्रदान करेगी।
- गोवा (मडगांव)-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस
गोवा (मडगांव)-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन से प्रस्थान करेगी और दादर, ठाणे, पनवेल, खेड़, रत्नागिरी, कंकावली तथा थिविम रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन मडगांव स्टेशन पहुंचेगी। यह अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस कोंकण क्षेत्र के लोगों को गति और आराम के साथ यात्रा करने का साधन उपलब्ध कराएगी। इससे इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है कि इस मार्ग पर चलने वाली नई वंदे भारत ट्रेन पर्यटकों की सुविधा में नए आयाम जोड़ेगी।
- रांची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस
रांची-पटना नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पटना से प्रस्थान करेगी और गया, कोडरमा, हज़ारीबाग, बरकाकाना तथा मेसरा रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन रांची स्टेशन पहुंचेगी।प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधनों से समृद्ध, रांची खनिज आधारित उद्योगों के लिए एक आदर्श स्थान है। यह ट्रेन स्थानीय व्यापारियों और कारोबारियों के लिए पटना के साथ तेज कनेक्टिविटी स्थापित करने की दृष्टि से लाभदायक साबित होगी।
- धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस
धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन केएसआर बेंगलुरु सिटी से प्रस्थान करेगी और यशवंतपुर, दावणगेरे तथा हुबली रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन धारवाड़ स्टेशन पहुंचेगी।कर्नाटक में, धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेन विद्या काशी धारवाड़, वाणिज्य नगरी, हुबली और बेंगलुरु को जोड़ेगी। यह वंदे भारत ट्रेन उत्तरी कर्नाटक को दक्षिणी कर्नाटक से जोड़ेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें कई प्रकार की बेहतर सुविधाएं प्रदान करती हैं, जो यात्रियों को विश्वस्तरीय आरामदायक यात्रा का अनुभव और कवच तकनीक सहित उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा संबंधी विशेष व्यवस्था उपलब्ध करायेगी। प्रत्येक ट्रेन में 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के लिए पूरी तरह से सस्पेंडेड ट्रैक्शन मोटर से लैस बोगियां प्रदान की गई हैं। उन्नत अत्याधुनिक सस्पेंशन प्रणाली यात्रियों के लिए सुगम एवं सुरक्षित यात्रा और बेहतर आरामदायक सवारी सुनिश्चित करती है।
इन ट्रेनों को पावर कार और उन्नत पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम के साथ लगभग 30 प्रतिशत बिजली की बचत करके भारतीय रेल के हरित उत्सर्जन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।