रतन टाटा के लिए लिफ्ट के पास खड़े रहते थे साइरस

Jan 19, 2017


मुंबई। दुनिया के तमाम देशों में अपनी औद्योगिक छवि के लिए ख्यात टाटा ग्रुप आज अपने दो कर्णधारों रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के झगड़े के लिए जाना जा रहा है। आज भले ही रतन टाटा और साइरस मिस्त्री एक दूसरे के खिलाफ खुले आम तमाम आरोप लगा रहे हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब रतन टाटा को ससम्मान रिसीव करने के लिए साइरस मिस्त्री लिफ्ट के पास खड़े रहते थे। जबकि उस समय साइरस मिस्त्री टाटा संस के अध्यक्ष थे और रतन टाटा रिटायरमेंट ले चुके थे।

करीब चार साल तक टाटा संस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद तीन महीने पहले अक्टूबर में रुखसत कर दिए गए साइरस मिस्त्री ने खुद यह कबूलनामा किया है। साइरस मिस्त्री का कहना है कि उनके और रतन टाटा के बीच संबंध हमेशा सम्मान जनक रहे। उन्होंने कहा कि रतन टाटा जब भी आफिस आते थे वे उन्हें लेने के लिए लिफ्ट के पास खड़े रहते थे। रतन जब जाते थे, तब भी वे उन्हें छोड़ने के लिए नीचे तक जाते थे। दोनों के बीच यह सम्मानजनक संबंध 4 अक्टूबर 2016 को साइरस की टाटा समूह से विदाई के वक्त तक बना रहा। साइरस की मानें तो उन्होंने हमेशा कंपनी के भले के लिए काम किया और कंपनी को नई उंचाइयां दी। रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच विवाद का मुख्य कारण क्या रहा, अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन यह माना जा रहा है कि टाटा संस की तमाम कंपनियों में रतन टाटा का हस्तक्षेप बना रहा होगा और साइरस मिस्त्री अध्यक्ष के रूप में स्वतंत्र रूप से काम करने की कोशिश कर रहे होंगे। शायद यहीं से विवाद की स्थिति बनी होगी। विश्लेषको का मानना है कि साइरस मिस्त्र जिस तरह का सम्मान उनके द्वारा रतन टाटा को देने की बात कह रहे हैं, उससे लगता है कि काफी दिन तक तो वे रतन टाटा के हस्तक्षेप पर कुछ बोल नहीं पाए होंगे, बाद में उन्होने हस्तक्षेप को रोकने की कोशिश की होगी, वहीं से विवाद शुरू हुए होंगे। लेकिन जिस तरह से रतन टाटा के प्रति अपने व्यवहार का कबूलनामा अब भी साइरस कर रहे हैं, उससे बाजार में उनकी स्थिति पाजीटिव रिस्पांस वाली बनेगी।