एमपी के पांच मंत्री- महाराज, शिवराज के साथ समाज को प्राथमिकता
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 9 जून। मोदी सरकार की तीसरी पारी में मध्यप्रदेश से पांच सांसदों को जगह मिली है। इनमें गुना सांसद ज्योतिरादित्यि सिंधिया, विदिशा सांसद शिवराज सिंतह चौहान और टीकमगढ़सांसद वीरेंद्र कुमार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं तो बैतूल सांसद दुर्गा दास उइके और धार सांसद सावित्री ठाकुर को राज्य मंत्री बनाया गया है। मध्यप्रदेश से राज्य सभा सदस्य एल मुरुगन को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है।
रविवार की शाम हुए शपथ समारोह के साथ ही देश में एक बार फिर मोदी सरकार सत्तारूढ हो गई। लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप कराने वाले मध्यप्रदेश को पांच मंत्री पद का तोहफा मिला है। इनमें महाराज और शिवराज को उनके सियासी कद के कारण जगह मिली है तो शेष तीन मंत्रियों को सामाजिक संतुलन के चलते मंत्री बनाया गया है।
ज्योतिरादित्य़ सिंधिया
मध्यप्रदेश के गुना संसदीय क्षेत्र से चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया पांच से लाख से भी ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। वे पहली बार बीजेपी के टिकट पर लोकसभा सदस्य चुने गए हैं। सिंधिया फिलहाल भाजपा से राज्यसभा के सदस्य हैं। वे पिछला चुनाव कांग्रेस से लड़े थे और मोदी लहर में उन्हें भाजपा के नए और छोटे से कार्यकर्ता केपी सिंह यादव ने चुनाव हरा दिया था। बाद में सिंधिया बीजेपी में आ गए और न सिर्फ खुद के लिए मुफीद जगह तलाश ली बल्कि चुनाव हारकर हासिए पर जा रही बीजेपी का भी पुनरुद्धार कर दिया था। मोदी की पिछली सरकार में सिंधिया सिविल एवीएशन मिनिस्टर थे। यह माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें जो भी दे रही है, उनके सियासी कद के कारण दे रही है।
शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया है। उन्होंने छठे नंबर पर शपथ ली है। इससे मध्य प्रदेश की ताकत और ज्यादा बढ़ेगी। विदिशा से छठवीं बार सांसद चुने गए शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे कद्दावर नेता हैं। वह मध्य प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। उनका कार्यकाल करीब 16.5 वर्ष का रहा। इससे पहले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष व भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। 2024 के चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा संसदीय सीट से 8.21 लाख मतों से जीत हासिल की है। देश में सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश और देश में मामा के रूप में पहचान है। शिवराज सिंह चौहान की लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं को दूसरे राज्यों ने अपनाया है। अब मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना को भी पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुत लाभ मिला है। शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से आते हैं।
डा वीरेंद्र कुमार
मप्र की टीकमगढ़ सीट से निर्वाचित डा वीरेंद्र कुमार एक बार फिर मंत्री बनाए गए हैं। पिछली सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले वीरेंद्र कुमार मध्यप्रदेश के पूरे बुंदेलखंड में सुपरिचित चेहरा हैं। विशेषकर अनुसूचित जाति वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है। खटीक समाज के प्रमुख नेता वीरेंद्र कुमार आरएसएस में काम करते हुए बीजेपी में आए। वे आठवीं बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। वे चार लोकसभा चुनाव सागर लोकसभा सीट से और चार लोकसभा चुनाव टीकमगढ़ लोकसभा सीट से जीते हैं। पहली बार वो साल 1996 में हुए 11वें लोकसभा चुनावों में निर्वाचित हुए। जिसके बाद उन्होंने साल 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल की। 2024 के चुनाव में वे चार लाख मतों से जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के पंकज अहिरवार को हराया था। डॉ. वीरेंद्र कुमार की सबसे बड़ी खूबी उनका जमीन से जुड़ा होना है। वे केंद्रीय मंत्री होने के बाद भी वे बिना सुरक्षा क्षेत्र में घूमते रहते हैं। बाइक, स्कूटर पर घूमते मिल जाते हैं। यहां तक की सब्जी लेने भी पहुंच जाते हैं। वे लोगों से लगातार संवाद करते रहते हैं। आमजन से उनका सीधा जुड़ाव है।
सावित्री ठाकुर
मध्य प्रदेश की धार लोकसभा सीट से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने वालीं सांसद सावित्री ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। आदिवासी समुदाय से आने वाली सावित्री ठाकुर 2014 में पहली बार धार सीट से सांसद चुनी गई थीं। बीजेपी ने 2019 में उनका टिकट काटकर छतरसिंह दरबार को दिया था। दरबार भी सीट भाजपा की झोली में डालने में सफल रहे। इस बार दरबार का टिकट काट कर सावित्री ठाकुर को फिर प्रत्याशी बनाया गया। चुनाव में सावित्री ने कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल को करारी शिकस्त दी थी। आरएसएस से गहरा जुड़ाव रखने वाली सावित्री ठाकुर बहुत सामान्य परिवार से आती हैं। भाजपा में उनकी मेहनत और सादगी की तारीफ होती है।
दुर्गादास उइके
मध्य प्रदेश के बैतूल से लोकसभा सांसद दुर्गादास उईके को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। पेशे से शिक्षक दुर्गादास उइके 2019 में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे और पहली बार उन्हें भाजपा ने सांसद पद का प्रत्याशी बनाया था। वह लंबे समय से गायत्री परिवार से भी जुड़े हुए हैं। उईके आदिवासी वर्ग से आते हैं। दुर्गादास उईके भाजपा से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। उन्होंने 32 साल तक शिक्षक के रूप में सेवा दी। करीब 61 साल के दुर्गादास उईके सालों पहले संघ यानी आरएसएस से जुड़ गए थे। आरएसएस ने ही उन्हें आदिवासी बाहुल्य बैतूल में राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ाया। दुर्गादास उइके ने 2019 में कांग्रेस के प्रत्याशी को 3 लाख 60 हजार 241 वोटों के भारी भरकम अंतर से हरा दिया था। इस बार दुर्गादास ने कांग्रेस के प्रत्याशी रामू टेकाम को 3,79761 वोटों से शिकस्त दी। वे मध्यप्रदेश के उन भाजपा प्रत्याशियों में शुमार हैं जिनकी चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने जमकर तारीफ की थी। माना जा रहा है कि जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया है।