मैं नागिन हूं मेरी हत्या हुई, मेरा नाग भी जिंदा है
गुना। वह नागिन की तरह मचल जाती है। संभालना मुश्किल हो जाता है। उसकी इस आदत की वजह से ससुराल वाले मायके छोड़ गए। 19 वर्षीय रचना का दावा है कि वह नागिन थी। 20 साल पहले उसे चरवाहों ने मारकर जला दिया था। उसका साथी नाग भी जिंदा है। इसी वजह से वह अब भी नागिन-सा बर्ताव करती है। पिता अपनी बेटी की इस हरकत से परेशान हैं। वह कहते हैं, 'बेटी ठीक हो जाए!' वहीं गांव वाले तो इस युवती को अब नागिन ही मानते हैं और उसे इसी तरह का सम्मान देते हैं।
यह कहानी है गुना जिले के मृगवास से 6 किमी दूर स्थित ग्राम जोहरीपुरा की। यहां नागिन के रूप में पहचाने जाने वाली लड़की रचना अहिरवार रहती है। उसे अब आसपास के गांववाले भी जानने-पहचानने लगे हैं। इस युवती में समाई कथित नागिन को निकालने के लिए मंगलवार को तथाकथित तांत्रिक ने हवन कराया। हालांकि इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ।
पिता जमनालाल अहिरवार का कहना है कि वह बेटी को सिर्फ ठीक देखना चाहते हैं। उसकी इस आदत से हम परेशान हैं। पता नहीं उसे क्या हो गया है। उसका जीवन बर्बाद हो रहा है। ससुराल वाले भी डरे हुए हैं। इस वजह से उसे मायके छोड़ गए है। आखिर उसे क्या समस्या है, अब तक समझ में नहीं आ रही है। कई मंदिर एवं बाबाओं के पास भी लेकर गए,लेकिन कोई हल नहीं निकला।
मंगलवार को भी परिजन मृगवास से 6 किमी दूर स्थित पहाड़ी पर शिव मंदिर पर युवती को ले गए थे। तांत्रिक के कहने पर हवन कराया गया। डेढ़ घंटे तक मंत्र पढ़े गए। बेटी एक घंटे बेहोश रही, लेकिन इसके बाद भी वह उसी बात को दोहरा रही है। रचना के ऊपर जब तंत्र क्रिया चल रही थी, तो आसपास के गांव के हजारों लोग मौके पर जमा हुए। कई तरह की बातें चलती रहीं। कोई कह रहा था कि यह युवती इच्छाधारी नागिन है। इसे कमरे में बंद देना चाहिए। इससे पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।
युवती 10वीं में पढ़ती है। वह किताबों में भी नाग-नागिन के चित्र, शिवलिंग आदि बनाती है। कहीं खंडहर बना देती है। जहां अकसर नाग-नागिन रहते हैं। युवती की इस विचित्र समस्या की वजह से कोई कुछ समझ नहीं पा रहा है। तांत्रिक भी तरह-तरह के उपाय बताते हैं, लेकिन इसके बाद भी ठीक नहीं हो पा रही है।
रचना कहती है कि उसे लगता है कि वह नागिन है। उसका नाग पहाड़ी पर रहता है। चरवाहों ने 20 साल पहले मार दिया था। इसके बाद जला दिया। अगर जलाते नहीं, तो उसे नाग ले जाता। युवती के इस दावे में कितनी सच्चाई है, इस पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन उसे देखने के लिए तमाशा लगता है। लोगों का हुजूम लग जाता है।
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र भाटी के मुताबिक, युवती मानव है, तो उसे मानवीय बर्ताव करना चाहिए। खान-पान, रहन-सहन सब मानवों की तरह होना चाहिए। अगर वो अजीब बर्ताव कर रही है, तो यह उसकी कोई बीमारी, आदत या सोच भी हो सकती है। यह जांच का विषय है।