महाराष्ट्र का महासंग्राम: फ्लोर टेस्ट के पहले ही सीएम फड़नवीस का इस्तीफा
खरी खरी डेस्क
मुंबई, 26 नवंबर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बहुमत साबित करने के लिए सदन के अंदर फ्लोर टेस्ट का सामना करने के पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर चल रहे सियासी ड्रामे पर पूर्ण विराम लग गया। अपनी दूसरी पारी में फड़नवीस सिर्फ चार दिन के लिए ही सीएम रह पाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सरकार को सांसत में डाल दिया था। इसके बाद अजित पवार के इस्तीफे के चलते देवेंद्र अकेले पड़ गए थे।
प्रदेश में जिस तरह से असामान्य परिस्थिति में सरकार का गठन हुआ था उसके बाद से लगातार भाजपा के इस कदम पर सवाल खड़े हो रहे थे। विपक्ष की ओर से चौतरफा घिरने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह राज्यपाल के पास जाएंगे और अपना इस्तीफा सौंप देंगे। जिस तरह से फडणवीस ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा देने की बात कही उसके बाद पार्टी एक बार फिर से महाराष्ट्र में हुई किरकिरी पर जरूर मंथन करेगी।आज सुप्रीम कोर्ट इस पूरे विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए बुधवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया उसके बाद भाजपा की मुश्किल बढ़ गई थी। कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा ने शीर्ष स्तरीय बैठक की। माना जा रहा है कि इस बैठक में इस महाराष्ट्र में हुए सियासी उठापटक पर चर्चा की गई। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों के बीच यह संदेश गया कि भाजपा फ्लोर टेस्ट से भाग रही थी। ऐसे में भाजपा और किरकिरी से बचना चाहती थी जिसके चलते फडणवीस ने इस्तीफा सौंपने का फैसला लिया।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा के पास सिर्फ अजित पवार का ही सहारा बचा था। लेकिन खुद अजित पवार ने फडणवीस से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। लिहाजा कल होने वाले फ्लोर टेस्ट में जाने का भाजपा के पास कोई औचित्य नहीं बचा। सोमवार को ग्रैंड हयात होटल में विधायकों की परेड हुई, जिसमे दावा किया गया कि 162 विधायकों इसमे मौजूद थे। लिहाजा अगर बावजूद इसके भाजपा फ्लोर टेस्ट के लिए जाती तो लोगों के बीच साफ संदेश जाता कि पार्टी वह विधायकों की खरीद-फरोख्त औत जोड़तोड़ करके नंबर इकट्ठा करना चाहती है