मप्र विधानसभा का 19 दिनी मानसून सत्र पांच दिन में ही स्थगित
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 5 जुलाई। मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित अवधि से 14 दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। कुल 19 दिन के लिए आयोजित सत्र सिर्फ पांच दिन ही चला। इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के साथ साथ कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। विपक्ष ने नर्सिंग घोटाला जैसे मुद्दों पर सदन में सरकार की जमकर खिंचाई की।
विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई 19 जुलाई तक के लिए आहूत किया गया था। इसमें मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया जाना था, क्योंकि लोकसभा चुनाव के चलते बजट सत्र में सिर्फ लेखानुदान ही पास हुआ था। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 3 जुलाई को 3.65 लाख करोड़ का बजट सदन में प्रस्तुत किया। उसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि सत्र 19 जुलाई तक भले ही न चले लेकिन कम से कम दो हफ्ते जरूर चलेगा। इसमें बजट पारित होने के साथ कई विधेयकों पर भी चर्चा होनी थी और विपक्ष के कई मुद्दों पर सरकार को जवाब देना था। लेकिन बजट पर सामान्य चर्चा के बाद ही सत्रावसान की संभावना जताई जा रही थी। शुक्रवार को विधानसभा की कार्यसूची में विनियोग विधेयक को शामिल किए जाने के साथ ही संभावना बढ़ गई थी कि सत्र का समापन आज ही कर दिया जाएगा। कार्यसूची में शामिल सभी काम तेजी से निपटाने के बाद स्पीकर ने विनियोग विधेयक भी पारित करवा दिया। शुक्रवार होने के कारण अशासकीय संकल्पों पर चर्चा होनी थी, लेकिन कार्यसूची में होने के बाद भी अशासकीय संकल्पों सपर च्रर्चा नहीं कराई गई। स्पीकर ने विनियोग विधेयक पारित होते ही सदन की अनुमति से सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
मानसून सत्र के पांचवें दिन कुल पांच विधेयक पारित किए गए हैं। मप्र गौवंश वध प्रतिषेध संशोधन विधेयक सदन में पारित हो गया है। अब अवैध गौवंश परिवहन पर सख्त कार्रवाई होगी। इसी तरह मध्य प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक भी पारित हुआ है। मध्य प्रदेश में खुले नलकूप ट्यूबवेल में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं संशोधन विधेयक 2024 पारित हुआ है।इसके अलावा सुधारात्मक सेवाएं एवं बन्दीगृह और मंत्री वेतन तथा भत्ता संशोधन विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक 2024 भी विधानसभा में पारित हुआ है।