मप्र में बदला जाएगा शिक्षा का पाठ्यक्रम
उज्जैन, 17 मई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में शिक्षा का पाठ्यक्रम बदले जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान, इतिहास और संस्कृति के साथ नैतिक शिक्षा पर केन्द्रित ऐसी शिक्षा पद्धति अपनायेंगे, जिससे चरित्रवान पीढ़ी तैयार हो। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा स्वामी अवधेशानंद जी के शिविर में की। श्री चौहान यहाँ सपरिवार भागवत कथा सुनने पहुँचे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राचीन काल से भारत में संतों द्वारा शिक्षा दी जाती रही है। हम उसी प्रकार की शिक्षा पद्धति अपनाना चाहते हैं, जिससे इंसान को इंसान बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगले साल यह पाठ्यक्रम अमल में लाया जायेगा। नये पाठ्यक्रम में उपनिषद्, गीता तथा अन्य सभी धर्मों के ग्रंथों की खूबियाँ समाहित की जायेगी।
श्री चौहान ने प्रदेश में 'आनंद मंत्रालय' गठित करने की बात भी दोहराई। आनंद मंत्रालय में योग, ध्यान, निष्काम कर्मयोग जैसे विषय शामिल किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि विकास के मायने केवल सड़क, पुल-पुलियाँ और अन्य अधोसंरचनागत कार्य नहीं अपितु पूरी जनता का जीवन सफल एवं सार्थक होना है। आनंद मंत्रालय इन्हीं सब खूबियों पर केन्द्रित रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय का गठन सभी धर्मों के संत समाज के मार्गदर्शन में किया जायेगा। सभी वर्गों और धर्मों के अनुयायियों को गुणवत्तापूर्ण जीवन देना इस मंत्रालय का ध्येय होगा।