मप्र में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी जल्द, कई कलेक्टर एसपी बदलेंगे
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 16 जून। मध्यप्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलते ही कई अधिकारियों के तबादला आदेश जारी हो जाएंगें। कई जिलों के कलेक्टर-एसपी सहित तमाम ब़ड़े मैदानी अफसरों को बदले जाने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव लोकसभा चुनाव सहित तमाम सियासी व्यस्तताओं से फ्री हो गए हैं। अब जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी शुरू हो गई। उसके पहले सरकार बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने की तैयारी कर चुकी है। प्रदेश की करीब 27 जिलों के कलेक्टर बदले जाने की संभावना जताई जा रही है। करीब 30 जिलों के एसपी भी बदले जाएंगे। इनके अलावा कई कमिश्नर और डीआईजी तथा आईजी की भी नई पोस्टिंग की जाएगी। लोकसभा चुनाव के दौरान कई जगह प्रशासनिक अमले की कार्यशैली राज्य सरकार की इच्छा के अनुरूप नहीं थी। अब उन अफसरों को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मंत्रालय में लाया जाएगा। मोहन कैबिनेट के अधिकांश मंत्रियों को अभी तक उनकी पसंद के प्रमुख सचिव और सचिव तथा ओएसडी और अन्य अमला नहीं मिला है। कई मंत्रियों के यहां तो उनकी पसंद और विश्वास वाले अधिकारी सारा काम कर रहे है लेकिन मंत्री स्टाफ में उनकी पोस्टिंग के आदेश अभी तक जारी नहीं हुए हैं। माना जा रहा है कि इस प्रशासनिक सर्जरी में मंत्रियों की शिकायत दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सचिवालय में भी नए सिरे से अफसरों की जमावट हो सकती है। हाल ही में एसीएस राजेश राजौरा और पीएस संजय़ शुक्ला की सीएम सचिवालय में पोस्टिंग से सीएम सचिवालय में बड़े अफसरों की संख्या अधिक हो गई है। इसलिए माना जा रहा है कि सीएम सचिवालय से कुछ अफसरों की विदाई हो सकती है। सरकार नए सीएस और नए डीजीपी की नियुक्ति भी बहुत जल्द कर सकती है। प्रशासनिक जमावट उसी अनुसार की जाएगी। मुख्य सचिव वीरा राणा का कार्यकाल एक्सटेंशन के चलते अभी बकाया है लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें पहले ही विदा कर दिया जाएगा। उनकी नई पोस्टिंग राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त के रूप में हो सकती है। अभी यह जिम्मेदारी पूर्व मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के पास है। उनका कार्यकाल तीस जून को समाप्त हो रहा है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीपी सिंह की जगह वीरा राणा की नियुक्ति हो जाएगी और प्रदेश में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति कर दी जाएगी। संभवतः राजेश राजौरा को नया सीएस बनाया जा सकता है। इसलिए उन्हें सीएम सचिवालय में एसीएस बनाया गया है। आम तौर पर सीएम सचिवालय में एसीएस स्तर के अधिकारी की पोस्टिंग नहीं होती है, क्योंकि चीफ सेकेट्री खुद भी सीएम सचिवालय का हिस्सा माने जाते हैं। राजेश राजौरा को संभवतः इसलिए यह पद दिया गया है ताकि यह संदेश प्रशासन अमले में जा सके कि राजौरा अगले सीएस हो सकते हैं। प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना का कार्यकाल भी समाप्ति की ओऱ है। सीएम डा मोहन यादव उन्हें एक्सटेंशन देने के बजाय नया डीजीपी लाने के पक्ष में हैं। माना जा रहा है कि सीनियर अधिकारी अजय शर्मा ने डीजीपी हो सकते हैं। शर्मा फिलहाल स्पेशल डीजी ईओडब्ल्यू है। सीएस और डीजीपी बदलने के साथ प्रशासनिक अमले में कई बदलाव अनिवार्य हो जाएंगे। सरकार इसकी तैयारी कर चुकी है और कभी भी थोकबंद तबादलों की सूची जारी हो सकती है।