मप्र में अब लव चलेगा जेहाद नहीं, कैबिनेट ने पास किया कानून का मसौदा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 26 दिसंबर। मध्यप्रदेश की कैबिनेट ने लव जेहाद कानून से सम्बद्ध 'मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2020' को मंजूरी दे दी। अब इसे 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने 'मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2020' को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिये अनुमोदित किया। आज की कैबिनेट की बैठक के लिए सिर्फ यही एक एजेंडा था। यह विधेयक 22 दिसंबर की कैबिनेट बैठक में लाया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने इसमें जनता से मिले सुझावों को जोड़ने के लिए उस दिन इसे रोक दिया था। अब इसमें कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश के गृह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब लव तो चलेगा लेकिन जेहाद नहीं चलेगा।
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के प्रमुख प्रावधान
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। यह अपराध गैर जमानती होगा।
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
- बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।
- सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा।
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
- पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान किया गया है।
- आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करना होगा।