मड कार रैली: जोश, जुनून और जज्बे के साथ रफ्तार का रोमांचक खेल
खरी खरी संवाददाता
भोपाल। पानी और कीचड़ से भरे रास्तों को पार करते हुए लगभग सौ-सवा सौ किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती जिप्सी गाड़ियां। रास्तों के किनारे खड़ी भीड़ के शोर और तालियों की गड़गड़ाहट से स्टीयरिंग थामे चालकों के बुलंद होते हौसले। गाड़ियों की तेज रफ्तार के कारण उड़ते पानी और कीचड़ से बचते लोग। मानो सामने कोई स्टंट हो रहा है। जोश, जुनून और जज्बे का एक अलग अंदाज दिखाई पड़ रहा था। इसी अंदाज ने रफ्तार के इस खेल को सांसे थामकर देखने वाला बना दिया।
राजधानी के कलियासोत बांध के किनारे बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई पड़ रहा था। मौका था स्पोर्ट एण्ड कल्चर प्रमोट ग्रुप द्वारा आयोजित मड कार रैली के आयोजन का। बारिश की कामना लेकर यह आयोजन संस्था द्वारा हर साल कराया जाता है। हर बार की तरह इस बार भी रैली का नजारा सांसे थमा देने वाला था। रैली में शामिल करीब पच्चीस गाड़ियां हर बाधा को पार करते हुए हवा से बातें कर रही थीं। रैली में शामिल लगभग सभी गाड़ियां जिप्सी कारे थीं। जिप्सी के अलावा जीपों को भी रैली में शामिल किया गया था। इन्हें कीचड़, दलदल, पानी, पत्थर वाले ऊबड़ खाबड़ रास्तों से अपनी गाड़ियां निकालनी थीं। गाड़ियों की स्टेयरिंग पर न सिर्फ पुरुष बैठे थे बल्कि कई गाड़ियों पर महिलाएं और युवतियां भी स्टेयरिंग संभाले थीं। इन बाधाओं को पार करने के लिए जरूरी था कि गाड़ी की स्पीड कम न होने पाए। इसलिए स्टार्ट होते ही लगभग सभी गाड़ियों की स्पीड थोड़ी ही देर में सौ किमी प्रति घंटे पर जा पहुंची। स्पीडोमीटर का कांटा भी शायद स्टेयरिंग संभालने वालो का जोश बढ़ा रहा था।
रैली रूट के किनारों पर खड़े लोगों की भीड़ उत्साहर्वधन कर रही थी। दर्शकों की भीड़ से हो रही टिप्पणियां और तालियां प्रतिभागियों में हर बाधा पार करने के लिए जोश भर रही थीं। कलिया सोत डेम में भी पानी की कमी कारण नदी के रास्ते दल दल और कीचड़ से भरे हुए हैं। पत्थरों के कारण गैर कीचड़ वाले रास्ते भी ऊबड़ खाबड़ हो गए हैं। इन्हीं रास्तों पर गाड़ियों को जुनूनी रफ्तार के साथ दौड़ा कर प्रतिभागी अच्छी बारिश की कामना कर रहे थे, ताकि इन रास्तों पर पानी भर जाए। रैली में शामिल गाड़ियों में शहर के कई जाने पहचाने चेहरे भी दिखाई दे रहे थे। इनमें बाबा सिंहदेव, राबिन दत्ता, नीलम त्रिपाठी, क्रिस्टी जेनीफर, सुदीप दास आदि शामिल थे। इस मड कार रैली का आयोजन बारिस की कामना के लिए किया गया था। इसलिए प्रतिभागी और दर्शक दोनों ही जोश से भरे होकर बारिस की दुआ कर रहे थे। हर बाधा करते हुए जिप्सी चालक यही मना रहे थे इंद्रदेव इतने मेहरबान हो जाएं कि कीचड़ वाले इन रास्तों पर पानी भर जाए। यह संयोग ही बन पड़ा कि रैली शुरू होने के करीब एक घंटे बाद मेघ मेहरबान हो गए और पानी बरसने लगा। ऐसा लगा मानो इंद्रदेव खुद भी मड कार रैली देखने आए हों, इसलिए पानी बरसने के बाद भी जोश, जुनून और जज्बे के साथ रफ्तार का यह खेल काफी देर तक चलता रहा।