मऊगंज होगा मध्यप्रदेश की 53 वां जिला, सीएम शिवराज सिंह ने की घोषणा

Mar 04, 2023

खरी खरी संवाददाता

रीवा, 4 मार्च। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के पहले बड़ा दांव खेल दिया। विंध्य में मऊगंज को नया जिला बनाने की घोषणा करके सबको चौंका दिया। यह प्रदेश का 53वां जिला होगा। विंध्य की सियासत में बेहतर विकल्प बनाए रखने की कोशिश में जुटी बीजेपी के लिए यह घोषणा बहुत लाभ पहुंचाएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा के मऊगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ी घोषणा करते हुए मऊगंज को अलग जिला बनाने की घोषणा कर दी। उन्होंने मंच से कहा कि मऊगंज, नईगढ़ी, हनुमना और देवतालाब को मिलाकर मऊगंज नया जिला बनाया जाएगा। नईगढ़ी तहसील के 382 गाँव, मऊगंज तहसील के 341 तहसील के, 343 गाँव हनुमना तहसील के और देव तालाब तहसील के गाँव जोड़कर नया जिला होगा मऊगंज।शिवराज ने मंच से कागज लहराते हुए कहा कि मैं नक्शा भी लेकर आया हूँ, पूरी तैयारी करके आया हूँ जैसे परीक्षा से पहले तयारी करते हैं वैसे ही पूरी तैयारी करके आया हूँ, आज से इस नए जिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और 15 अगस्त को यहाँ झंडा फहराया जायेगा।

देश में बढ़ी जिलों की संख्या

पिछले कुछ वर्षों में देश में जिलों की संख्या बढ़ी है। कई राज्यों में इसकी संख्या दूसरे राज्यों के मुकाबले अधिक बढ़ी है। हाल ही में पश्चिम बंगाल में सात नए जिले बनाए जाने की घोषणा हुई है। 1961 के बाद से देखा जाए तो देश में जिलों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। 1961 में जिलों की संख्या 339 थी लेकिन 2022 में देश में जिलों की संख्या बढ़कर 757 तक पहुंच गई है। समय-समय पर अलग-अलग राज्यों में नए जिलों के गठन की घोषणा की जाती है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह जिले बनाए कैसे जाते हैं। इसका पैमाना क्या है। इन जिलों को बनाता कौन है और नए जिले के लिए कौन सी जरूरी बात है जो होनी चाहिए। क्या इसमें केंद्र की भी कोई भूमिका होती है।

कौन बना सकता है नया जिला

नए जिले बनाने या मौजूदा जिलों को बदलने या समाप्त करने की शक्ति राज्य सरकारों के पास है। यह या तो एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से या राज्य विधानसभा में एक कानून पारित करके किया जा सकता है। कई राज्य केवल आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके कार्यकारी मार्ग पसंद करते हैं। नए जिले के लिए प्रपोजल स्टेट रेवेन्यू डिपार्टमेंट या बोर्ड ऑफ रेवेन्यू जो भी राज्य में है, उसकी ओर से रखा जाता है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से कमिटी का गठन किया जाता है जो प्रपोजल को देखती है। उसके बाद सरकार की ओर से इस पर फैसला होता है।

नया जिला बनते ही पहली पोस्टिंग

नया जिला बनाने की मंजूरी मिलने के बाद सबसे पहले डीएम और एसपी की नियुक्ति होती है जो उस जिले में कानून व्यवस्था को देख सके। कुछ महीनों के बाद जिले में और अधिकारियों की जरूरत होती है जो दूसरे विभागों के कार्य को देख सके। जैसे पीडब्लयूडी, कृषि, ग्रामीण विकास दूसरे विभाग। इसके बाद जिला सत्र न्यायालय जो हाई कोर्ट के निर्देशानुसार होगा और राज्य सरकार उसके लिए भूमि उपलब्ध कराएगी।