भोपाल में अनोखा क्रिकेट- धोती कुर्ता में खिलाड़ी और संस्कृति में कमेंट्री
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 5 जनवरी। क्रिकेट की पिच पर धोती कुर्ता पहनकर और माथे पर तिलक लगाकर क्रिकेट खेलते खिलाड़ी और खेल के कमेंट्री संस्कृति भाषा में... इस तरह की तस्वीर सिर्फ कल्पना में हो सकती है, लेकिन भोपाल में इस कल्पना को हकीकत में बदला गया है। राजधानी में दुनिया का अनूठा क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा है| इस अनोखे क्रिकेट टूर्नामेंट में धोती कुर्ते में खिलाड़ी चौके छक्के लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं| इतना ही नहीं कॉमेंट्री भी संस्कृत में की जा रही है| भारतीय संस्कृति और परंपराओं के अनुसार खेले जा रहे इस क्रिकेट टूर्नामेंट में प्रदेश की 12 टीम शामिल हैं| यह टूर्नामेंट भोपाल के अंकुर स्टेडियम में खेला जा रहा है।
यूं तो क्रिकेट चीयर लीडर्स के सेंशुअल डांस आतिशबाजी या अंग्रेजीदा दर्शकों के वेलकम के साथ शुरू होता है, लेकिन भोपाल में खेला जा रहा क्रिकेट टूर्नामेंट पाश्चात्य संस्कृति से पूरी तरह दूर है| इस क्रिकेट टूर्नामेंट में मैच की शुरुआत वैदिक मंत्रों से होती है| इसके बाद इसमें कॉमेंट्री भी संस्कृत में ही की जाती है, खिलाड़ियों का कॉस्टयूम पूरी तरह प्राचीन संस्कृति के रंग में रंगा हुआ होता है| महर्षि कप टूर्नामेंट के सभी खिलाड़ी धोती कुर्ते में होते हैं| पंडितों की वेशभूषा में चौके छक्के लगाते यह खिलाड़ी अलग ही छाप छोड़ते हैं|
खेल प्रतियोगिता के आयोजक चंद्रशेखर तिवारी कहते हैं कि आमतौर पर धोती कुर्ता और तिलक लगाए व्यक्ति को पंडित कहा जाता है| कहा जाता है कि पंडित सिर्फ पंडिताई कर सकता है| लेकिन यहां पंडित क्रिकेट की पिच पर धोती कुर्ता पहन कर बॉलिंग और बैटिंग में अपने हाथ का जौहर दिखा रहे हैं| खिलाड़ियों को इस तरह देसी अंदाज में क्रिकेट खेलता देख दर्शक भी रोमांचित हो जाते हैं|
वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मण अब क्रिकेट के मैदान में भी अपने ही अंदाज में पंडिताई दिखा रहे हैं| माथे पर तिलक, हाथों में रुद्राक्ष की माला है तो बालों में चोटी और रन बनाने के साथ विकेट लेने का अंदाज बिल्कुल निराला है| आयोजकों का कहना है कि यह संस्कृत और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का एक छोटा सा प्रयास है आने वाले समय में अन्य खेल भी इसी अंदाज में होंगे|