भारत की सड़कें 2047 तक अमेरिका से भी बेहतर होंगीः गड़करी

Oct 19, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 19 अक्टूबर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि जिस तरह से हम नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, उससे वर्ष 2047 तक भारत की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर होंगी। केंद्रीय मंत्री सड़क एवं पुल निर्माण में नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों पर शनिवार को भोपाल में आयोजित दो दविसीय सेमिनार में बोल रहे थे।

गडकरी ने डीपीआर बनाने वाले कंसल्टेंट्स पर व्यंग्य करते हुए कहा कि ये तो घर में बैठकर गूगल देखकर ही डीपीआर बना देते हैं। इन्हें तो एक-एक को पद्मश्री और पद्म भूषण देना चाहिए। अरे, दो पैसे अधिक ले लो पर काम तो सही करो। पूरा डीपीआर गलत बनाते हैं। अलाइनमेंट गलत बनाते हैं, इसी में पूरा समय चला जाता है। गडकरी ने कहा, प्रोजेक्ट इंजीनियर भी डीपीआर बनने के पहले साइट पर नहीं जाते कि कहां मंदिर-मस्जिद पड़ रहे हैं। मप्र सरकार को सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों से डीपीआर चेक करानी चाहिए, जिससे गलती सामने आ सके। विभाग के सेवानिवृत इंजीनियरों ने डीपीआर बनाने की कंपनी बना ली है। इस तरह सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर बोले- हर साल सड़कें खराब होती हैं तो कुछ लोगों को मजा आता है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भोपाल के बड़े तालाब में रो-रो पेक्स बनाने का सुझाव दिया। कहा कि इसमें सड़कनुमा एक पट्टी होती है, जो आगे की तरफ चलती है। वाहन के साथ खड़े हो जाएं तो कुछ मिनट में दूसरे छोर में पहुंच जाओगे। खर्च भी लगभग 15 करोड़ रुपये ही है। इसके पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार बड़े तालाब में रोप वे व दूसरी बार पानी के भीतर इमेज टनल बनाने का सुझाव दिया था। गडकरी ने अधिकारियों को नसीहत दी कि सभी के बीच समन्वय, संचार और सहयोग की आवश्यकता है। देश में यह परंपरा है कि एक अधिकारी दूसरे से बात नहीं करता। इसके लिए तत्कालीन सचिव अनुराग जैन ने पीएम गतिशक्ति मिशन बनाया।

 

सेमिनार में मप्र के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के कार्यों की स्वीकृति सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मिलने वाली है।