भाजपा राज्य सभा में भी आ गई कंर्फट जोन में, अब बहुमत बड़ा संकट नहीं

Jul 01, 2019

खरी खरी संवाददाता

नई दिल्ली, 1 जुलाई। तमाम महत्वपूर्ण विधेयकों को कानून में बदलने के लिए सत्तारूढ़ एनडीए को राज्यसभा में अभी भी बहुमत का इंतजार है। इसलिए अब एनडीए की लीडर भाजपा किसी भी तरह राज्य सभा में बहुमत के आंकडे तक पहुंचने की कवायद में जुट गई है।

राज्यसभा में बहुमत के लिए भाजपा द्वारा किए जा रहे प्रयासों के परिणाम भी आना शुरु हो गए हैं। हाल ही में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के 4 सांसदों और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के 1 सांसद के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद एनडीए का दबदबा राज्य सभा में बढ़ गया है। राज्यसभा में अकेले बीजेपी के सांसदों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है। राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 सदस्यों की जरूरत है और अब राज्य सभा में एनडीए की सदस्य संख्या 116 हो गई है। इस तरह अब सिर्फ 7 सांसदों की कमी बहुमत के लिए रह गई है। अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद गुजरात की दोनों राज्यसभा सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित है। इसके साथ ही ओडिशा से एक राज्यसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिलनी तय है। इन तीन सीटों के बाद भाजपा का संख्याबल बढ़कर 79 हो जाएगा। राज्यसभा में मोदी सरकार को सुभाष चंद्रा, अमर सिंह, परिमल नाथवानी और संजय काकड़े इन चार निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन हासिल है। वहीं, नरेंद्र जाधव, स्वप्न दास गुप्ता और मैरी कॉम तीन मनोनीत राज्यसभा सांसद भी एनडीए के साथ हैं। बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि बीजेडी के 5, वाईएसआरसी के 2, नागा पीपल फ्रंट के 1, टीआरएस के 6 सांसदों का समर्थन बीजेपी को अलग-अलग बिलों और अलग-अलग मुद्दों पर मिलता रहेगा। ऐसे में तय है कि सरकार को विधेयक पास कराने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। लेकिन अपने बहुमत की दम पर बिल पास कराने के लिए मोदी औरक अमित शाह की जोड़ी तेजी से प्रयास कर रही है  और माना जा रहा है कि 2020 तक उन्हें सफलता मिल जाएगी।