भाजपा के रणनीतिकारों ने पेंशन सिस्टम को लाभप्रद बनाने का भरोसा दिलाया
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 12 नवंबर। ओल्ड पेंशन स्कीम विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के वायदे के बाद भी बीजेपी के घोषणापत्र में इस तरह का कोई वायदा नहीं किया गया है। लेकिन भाजपा के नेता समझ रहे हैं कि यह मुद्दा चुनाव में बडी भूमिका निभा सकता है। इसलिए कर्मचारी संगठनों से सीधे बात की जा रही है।
इसी परिप्रेक्ष्य में भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से भोपाल में चर्चा की। इसमें कर्मचारियों को भरोसा दिलाया गया कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों और उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के प्रति अत्यंत संवेदनशील है तथा उनके हितों के संरक्षण-संवर्धन के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है। केन्द्र शासन द्वारा शासकीय सेवकों के लिए वर्तमान में लागू नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के प्रावधानों को अधिक व्यावहारिक और कर्मचारियों के लिए अधिक लाभप्रद बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में अप्रैल 2023 में कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी समस्त हितधारकों से चर्चा कर उनसे सुझाव प्राप्त करने के उपरांत नेशनल पेंशन सिस्टम में संशोधन संबंधी अपने सुझाव देगी। केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय के सचिव, केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमेन समिति के सदस्य हैं। यह समिति राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर संचालित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों के वित्त विभाग के प्रतिनिधियों से संवाद कर रही है। समिति ने एनपीएस संबंधी बिन्दुओं पर कर्मचारी संगठनों के सुझाव प्राप्त किए हैं। समिति विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साथ 20 से अधिक बैठकें कर चुकी हैं। इसके साथ ही समिति ने विभिन्न राज्य सरकारों के आय के स्त्रोतों, उन सरकारों के व्यय तथा इसके परिप्रेक्ष्य में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर पाने की संभावनाओं का आंकलन भी किया है।
बीजेपी के रणनीतिकारों ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को तथ्यों के साथ बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही है, परंतु वे इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाए हैं। वास्तविकता यह है कि भारतीय शासन व्यवस्था में आय-व्यय के स्त्रोतों का निर्धारण मुख्य रूप से केन्द्र शासन द्वारा किया जाता है। कोई भी राज्य सरकार बिना केन्द्र शासन की सहमति और सहयोग के ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी महती योजना का क्रियान्वयन अपने स्वंय के स्त्रोतों से कर पाने में समर्थ नहीं है। कर्मचारी नेताओं को भरोसा दिलाया गया कि भारत सरकार सभी के हितों की रक्षा करते हुए नेशनल पेंशन सिस्टम को अधिक बेहतर बनाने के लिए आवश्यक संशोधन की दिशा में प्रयासरत है। केन्द्र शासन और संगठन का यह प्रयास है कि शासकीय सेवकों को अधिक से अधिक पेंशन के लाभ सुनिश्चित हों और उनके परिवारों को संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो तथा वे सेवानिवृत्ति के बाद निश्चिंत और सुखद जीवन व्यतीत करें। केन्द्र सरकार द्वारा गठित हाईपावर समिति के सुझाव प्राप्त होते ही इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।