बेटे को टिकट दिलाने बीजेपी के हुए एनडी तिवारी

Jan 18, 2017

नई दिल्ली। ताजिंदगी कांग्रेस का हाथ थामे रहने वाले बुजुर्ग नेता नारायण दत्त तिवारी उम्र के उत्तरार्द्ध में बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को एनडी तिवारी और उनके बेटे रोहित शेखर को पार्टी की सदस्यता दिलाई। तीन बार उत्तरप्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तथा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रह चुके 91 साल के एनडी तिवारी बायोलाजिकल बेटे रोहित को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने के लिए भाजपा के साथ हो लिए।

     एनडी तिवारी के बीजेपी में जाने के कारणों को लेकर सियासी कयासों का सिलसिला चल रहा है। एनडी तिवारी चाहते थे कि उनके बेटे रोहित को उत्तराखंड के कुमाऊं रीजन से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जाए। कांग्रेस अपने इस दिग्गज बुजुर्ग नेता की इच्छा पूरी कर पाने में हिचक रही थी। इसके चलते उन्हें भाजपा का दामन थामना पडा। भाजपा उनके बेटे को विधानसभा चुनाव में टिकट देने पर राजी हो गई है। करीब 91 साल के एनडी तिवारी अविभाजित उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2002 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वह 2002 से 2007 तक इस राज्य के भी पहले मुख्यमंत्री रहे। श्री तिवारी 1986-1987  में राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री भी थे। वे 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। वर्ष 2009 में एक सेक्स स्कैंडल में नाम आने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।

जिस बेटे रोहित शेखर के लिए एनडी तिवारी ने जिंदगी भर की कांग्रेसी तपस्या को तोड़ दिया वह एनडी तिवारी और उज्ज्वला शर्मा के बायोलॉजिकल बेटे हैं। शेखर ने 2013  में एक पैटरनिटी सूट कोर्ट में दायर किया था। इसमें दावा किया गया था कि उसके बायोलॉजिकल पेरेंट्स नारायणदत्त तिवारी और उज्ज्वला शर्मा हैं। शुरुआत में डीएनए टेस्ट से इनकार करने के बाद तिवारी इसके लिए तैयार हो गए थे। डीएनए टेस्ट में रोहित का तिवारी का बायोलॉजिकल बेटा होना साबित हुआ था। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऑर्डर पास कर शेखर को एनडी तिवारी का बायोलॉजिकल बेटा घोषित कर दिया था। इसके बाद 22 मई 2014 को तिवारी ने उज्ज्वला शर्मा से शादी कर ली और रोहित उनके लीगल पुत्र हो गए। अब उसी पुत्र के सियासी चाहत पूरी करने के लिए तिवारी उम्र के आखिरी पड़ाव पर बीजेपी के साथ हो लिए।