बांग्लादेश की अस्थिरता के बीच भारत का करोड़ों का निवेश दांव पर

Aug 10, 2024

खरी खरी डेस्क

नई दिल्ली, 10 अगस्त। बांग्लादेश की राजनीति अस्थिरता के बीच भारत के लिए बड़ी चुनौती छोटे देश में किए बड़े निवेश को सुरक्षित रखना हैं। करीब 15 सालों से बांग्लादेश की सत्ता में रहते हुए शेख़ हसीना ने भारत के साथ अपने रिश्तों को काफ़ी मज़बूत बनाया था। इससे बांग्लादेश की कई क्षेत्रों में भारत पर निर्भरता बढ़ती गई है। साल 2009 से जब से शेख़ हसीना बांग्लादेश की सत्ता में आईं, तब से ही भारत ने वहाँ बड़े प्रोजेक्ट में निवेश किए हैं।

बांग्लादेश खाद्य सामग्री से लेकर बिजली तक भारत से लेता है। दोनों देशों के बीच ट्रेन लाइन हैं और लोग सीमा पार करके बड़ी आसानी से एक से दूसरे देश आते-जाते हैं। इस साल शेख़ हसीना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेशी मेहमान थीं। बीते एक साल में दोनों नेताओं के बीच 10 बार मुलाक़ात हुई है। ऐसे में इस तरह से शेख़ हसीना का देश की सत्ता से बाहर होना। लोगों का उनके प्रति ग़ुस्सा और जिस तरह से देश की सत्ता में परिवर्तन हो रहा है, उससे भारत की कई सारी चीज़ें दांव पर लगी हैं। ख़ासकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते, जिनमें भविष्य में होने वाला मुक्त व्यापार समझौता भी शामिल है। गोड्डा पावर प्रोजेक्ट देश का पहला ट्रांजेक्शनल पावर प्लांट है। इसकी 100 फ़ीसदी एनर्जी बांग्लादेश भेजी जाती है।  साल 2023 से ये प्लांट बांग्लादेश में बिजली भेज रहा है।

अडानी के साथ-साथ बांग्लादेश में डाबर, मारिको, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर का भी निवेश है। बांग्लादेश में 2007-2010 तक भारत के उच्चायुक्त रहे पिनाक चक्रवर्ती कहते हैं, “मैंने बांग्लादेश का 2007 का एक बेहद मुश्किल दौर में देखा है, ये भी ऐसा दौर है जहां प्रशासन व्यवस्था ख़त्म हो गई है, लेकिन बांग्लादेश में सरकार किसी की भी बने वो देश की अर्थवयवस्था को अनदेखा तो नहीं कर सकती।''

वो कहते हैं, ''भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता इतनी ज़्यादा है कि वो भारत को नहीं छोड़ सकता तो ऐसे में कुछ वक़्त के लिए जो प्रोजेक्ट हैं वो रुकेंगे लेकिन भारत का निवेश दांव पर लगा है ये कहना या समझना ठीक नहीं है। भारत और बांग्लादेश के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अक्तूबर 2023 में शुरू हुई ताकि दोने देशों से आयात-निर्यात होने वाली चीज़ों पर कस्टम ड्यूटी हटा दी जाए।

विश्व बैंक के एक अनुमान के अनुसार, इससे भारत को बांग्लादेश के निर्यात में 297 फ़ीसदी तक और भारत के निर्यात में 172 फ़ीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है। हालाँकि बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक दृश्य को देखते हुए इसके भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है।

हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस के बांग्लादेश में एसेंबल करने वाले प्लांट हैं। भारत की महत्वपूर्ण टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का बांग्लादेश की टेलीकॉम कंपनी रॉबी एक्सीआटा में 28 फ़ीसदी का निवेश है।

दिल्ली स्थित अर्थशास्त्री प्रबीर डे कहते हैं, “इस समय हर देश को इंडस्ट्री चाहिए और इससे निवेश करने वाले और उस देश दोनों को फायदा होता है, भारत के साथ-साथ चीन का भी बांग्लादेश में निवेश है। लेकिन भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता काफ़ी ज़्यादा है। रोज़मर्रा की ज़रूरतों का सामान भी वहां भारत से जा रहा है। ऐसे में भारत से व्यापार और निवेश हालात के पटरी पर लौटने से ठीक हो जाएंगे।''