फोटो की डर्टी पालिटिक्स का शिकार हुए कैलाश विजयवर्गीय
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 29 जून। इंदौर के युवा विधायक आकाश विजयवर्गीय के मामले में प्रशासनिक और कानूनी से ज्यादा राजनीतिक कयासबाजी और बयानबाजी हो रही है। यह तय है कि अगर आकाश विजयवर्गीय भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे नहीं होते तो शायद इतना बवाल नहीं मचता, भले ही आकाश ने यही सब किया होता। इससे साफ है कि सारा खेल कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ डर्टी पालिटिक्स का है। यह इससे भी साफ होता है कि कुछ लोगों ने एक फोटो वायरल करते हुए दावा किया कि कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार इंदौर के एसपी प्रमोद फलणीकर को जूते से धमकाया था। इस फोटो को लेकर तमाम रजनीतिक बयानबाजी चलती रही, लेकिन अब खुद प्रमोद फलणीकर ने इस आरोप को गलत बताया है। वर्तमान में आईजी एनएसजी के पद पर कार्यरत है प्रमोद फड़नीकर ।
इस मामले के तूल पकड़ने से दुखी हुए प्रमोद फलणीकर ने कहा है कि इस केरियर पर आने के बाद मुझे जूते से पीटने की सफाई देनी पड़े यह दुःखद है। उनका कहना है कि फ़ोटो वायरल होने के बाद बच्चे और परचित फोन कर पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय ने कभी भी मुझसे बतमीजी नहीं की। फलणीकर के अनुसार जिस घटना का फोटो है वह पानी की समस्या को लेकर हुए प्रदर्शन को लेकर था। कैलाश विजयवर्गीय ने जूता दिखाकर कहा था आप के कहने पर धरना खत्म किया है, पर नगर निगम के चक्कर लगाकर जूते घिस गए है पानी नहीं आया। उन्होंने बताया कि मेरे कहने पर कैलाश विजयवर्गीय ने धरना खत्म किया था इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हुई थी गिरफ्तारी। फोटो की टाइमिंग को लेकर गलत खबर की जा रही है वायरल। कैलाश विजयवर्गीय ने कभी भी मेरे साथ कोई बदतमीजी नहीं की। घटना को फ़ोटो के साथ गलत प्रचारित करने से दुख हुआ।