पानी पानी हुआ मध्यप्रदेश, मदद के लिए सेना बुलाई गई, मौत के आगोश में समा गए कई लोग

Jul 09, 2016

भोपाल। एक सप्ताह पहले तक मानसून की बेरुखी को लेकर बेताब हो रहे मध्यप्रदेश पर बीते करीब 48 घंटे मानसून ऐसा मेहरबान हुआ कि पूरा प्रदेश पानी पानी हो गया। प्रदेश के तमाम जिलों के गांवों और शहरों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। कई जगह सेना के हेलीकाप्टर की मदद से बाढ में फंसे लोगों को बचाया गया। प्रदेश बर में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 10 से अधिक हो गई है। राजधानी भोपाल के तमाम  निचले इलाकों में पानी भर गया है। 

सतना, रीवा में भारी बारिश और तबाही के बाद शुक्रवार देर शाम से शनिवार सुबह तक भोपाल, रायसेन, पचमढ़ी, होशंगाबाद, इटारसी में मूसलाधार बारिश जारी है। शुक्रवार सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक के बीच सिर्फ पचमढ़ी में 17.5 सेमी यानी करीब 7 इंच पानी बरसा। राज्य में 9 जुलाई तक यह सामान्य से काफी ज्यादा बारिश है। उधर, मुरैना जिले में चंबल नदी में तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। जबकि दमोह, मंडला और सिवनी में भी दो महिलाओं सहित तीन की ऐसे ही हादसों में जान चली जाने की खबर है। बारिश की वजह से एमपी में सैंकड़ों गांव खाली करा लिए गए हैं। कई इलाकों में लोगों को खाने की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। नरसिंहपुर, होशंगाबाद समेत कई इलाकों में बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया। सड़कें पानी में डूब गई हैं। भोपाल में रात तीन बजे तक कई इलाके टापू बन गए। कुछ सड़क रास्ते पूरी तरह बंद हो गए। लोग घरों में कैद हैं। हालात खराब होने के बाद भोपाल के कलेक्टर और एडीएम को देर रात भोपाल शहर के दौरे पर निकलना पड़ा।

राज्य सरकार ने पानी की गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिलों के स्कूलों में जरूरत महसूस होने पर छुट्टी कर देने के अधिकार दे दिए गए हैं। जहां लगातार बारिश हो रही है, स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं। कई जगह स्कूलों को राहत शिविरों के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसलिए भी अवकाश घोषित कर दिया गया है। 

पूरे प्रदेश में नदी और नालों के किनारों पर बसे गांवों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। दरअसल, आईएमडी ने अगले 24 घंटों में  भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, सतना, होशंगाबाद, बैतूल, जबलपुर और नरसिंहपुर में भारी बारिश की वॉर्निंग दी है।

सतना में सेना बुलानी पड़ी

सबसे ज्यादा सतना जिले के 300 गांव के करीब डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां जिला प्रशासन की मदद के लिए सेना बुलानी पड़ी है। जबलपुर और इलाहाबाद से पहुंची आर्मी की दो रेस्क्यू टीम ने यहां आपरेशन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जवानों ने टमस नदी की बाढ़ क्षेत्र में फंसे लोगों को एक-एक कर बाहर निकाला। यह हालात दमोह और कुछ अन्य जिलों में भी बन गए हैं। वहां भी पुलिस बल अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री और चीफ सेकट्री खुद लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। 

नदियां उफान पर, बांध टूटे  

 प्रदेश के विभिन्न इलाकों में नदियां उफान पर हैं और कभी भी खतरे के निशान को पार सकती है। कई नदियों पर बने पुल पानी की वजह से ध्वस्त हो गए हैं। इससे जिलों का आपस में संपर्क टूट गया है। नर्मदापुरम संभाग की नर्मदा, देनवा, माचना, सूखी, धार, हथेड़ नदियां उफान पर हैं।  होशंगाबाद में सेठानीघाट पर नर्मदा का जलस्तर हर घंटे में दो फीट बढ़ रहा है। यह पानी बरगी बांध से आ रहा है।

तवा बांध में भी पानी की भारी आवक बनी हुई है। सारनी में सतपुड़ा डैम के 14 गेट तीन दिन से लगातार खुले हुए हैं। पन्ना जिले में बुंदेलखंड पैकेज से साल भर पहले बनाए गए दो बांध शुरुआती बारिश में ही टूट गए। राज्य के कई हिस्सों में सड़के और छोटे पुल बह गए हैं। इस वजह से सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट गया।

 

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