पंचकल्याणक महोत्सव में पहुंचे सीएम, कुंडलपुर पवित्र क्षेत्र घोषित

Feb 21, 2022

खरी खरी संवाददाता

कुंडलपुर (दमोह) 21 फरवरी। मप्र के सबसे पवित्र जैन तीर्थ कुंडलपुर में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंहासन चौहान ने घोषणा की कि कुंडलपुर के आसपास के 7 किलोमीटर क्षेत्र को पवित्र स्थल के रूप में नोटिफाई किया जाएगा, यहां मांस मदिरा व अन्य अनैतिक गतिविधियों पर सख्ती से रोक रहेगी। चौहान आज सपत्नीक कुंडलपुर महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने दावा कि 2006 में बड़े बाबा को बड़े सिंहासन पर विराजमान करने उन्होंने अपनी सरकार को दांव पर लगा दिया था।

कुंडलपुर महोत्सव में आज ज्ञान कल्याणक (पूर्व) के धार्मिक अनुष्ठान प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया के निर्देशन में किये गये। दोपहर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल सहयोगी गोपाल भार्गव व ओमप्रकाश सकलेचा के साथ महोत्सव स्थल पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नि श्रीमती साधना सिंह भी थीं। कुंडलपुर कमेटी ने चांदी का मुकुट पहनाकर, चांदी का प्रशस्ति पत्र उन्हें सौंपा। चौहान ने आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में श्रीफल भेंटकर आचार्यश्री का संघ सहित आशीर्वाद लिया।

आचार्यश्री को प्रणाम किये बिना घर से नहीं निकलता

कुंडलपुर महोत्सव में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुंडलपुर अब पवित्र तीर्थों की सूची में दर्ज होगा। उन्होंने 17 जनवरी 2006 की तारीख को याद करते हुए कि मुख्यमंत्री का पद संभाले सिर्फ दो महीने हुए थे, तभी आचार्यश्री ने बड़े बाबा को बड़े सिंहासन पर विराजमान करने का भाव किया। कलेक्टर एसपी और सभी कानूनविद चेतावनी दे रहे थे कि ऐसा हुआ तो सरकार जा सकती है। मैंने तय कर लिया सरकार जाए तो चली जाए, लेकिन आचार्यश्री की भावना के अनुसार बड़े बाबा को बड़े सिंहासन पर विराजमान करके रहेंगे। चौहान ने कहा कि पिछले चुनाव में हमारी सरकार चली गई थी। हमने सोचा अब पांच साल तक विपक्ष में बैठना है, लेकिन बडे बाबा आदिनाथ भगवान और छोटे बाबा आचार्यश्री की कृपा से मुझे फिर से मुख्यमंत्री पद मिला। मैं भाग्यशाली हूं कि बड़े बाबा के भव्य व दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मेरे कार्यकाल में हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के संचालन में कभी कभी कुछ अड़चनें आती हैं। कुछ फैसले लेने में परेशानी होती है। ऐसे में मैं आचार्यश्री के चित्र के सामने ध्यान लगाने बैठता हूं और मेरी सारी समस्याओं का हल मुझे मिल जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्यश्री को प्रणाम किये बिना वह घर से नहीं निकलते। चौहान ने पहली बार आचार्यश्री से कहा कि सभी के प्रति करूणा रखने वाले आचार्यश्री अपने शरीर के प्रति इतने निर्मोही क्यों हैं? मानवता के कल्याण के लिये आचार्य भगवन का हमारे बीच रहना बहुत जरूरी है।

इंडिया नहीं भारत बोलो : आचार्यश्री

आचार्यश्री ने अपने संक्षिप्त प्रवचन में कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास को सामने लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले अब इंडिया नहीं भारत बोलने का प्रचलन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी का ईलाज भारतीय आयुर्वेद के पास ही है।

मुनि सुधासागर जी का सुझाव

आचार्यश्री के प्रवचन से पहले निर्यापक मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने सुझाव दिया कि कुंडलपुर के 100 किलोमीटर क्षेत्र को पशुओं के लिये अभ्यारण्य घोषित किया, जहां पशु निर्भय होकर विचरण कर सकें।