न्यूनतम वेतन के लिए प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों का भोपाल में प्रदर्शन
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 22 सितंबर। विभिन्न शासकीय विभागों और संस्थानों में कार्यरत प्रदेश भरके आउटसोर्स कर्मचारियों ने रविवार को भोपाल में धरना देकर प्रदर्शन किया। नीलम पार्क में जमा हुए कर्मचारियों की मुख्य मांग नौकरी में सुरक्षा और सम्मानजनक न्यूनतम वेतनमान है। अभी कर्मचारी तीन से पांच हजार रुपए महीने की नौकरी कर रहे हैं। उसमें भी 18 प्रतिशत जीएसटी कट जाती है।
आउटसोर्स अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी वासुदेव शर्मा ने बताया कि नौकरी में सुरक्षा नहीं है और न ही सम्मानजनक वेतनमान मिलता है। पंचायतों में चौकीदार, सफाई कर्मी, कम्प्यूटर ऑपरेटर को 2 से ढाई हजार रुपए वेतनमान मिलता है। स्कूलों, छात्रावासों में अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी, भृत्य को करीबन 5 हजार रुपए मिलते हैं, जबकि उन्हें 5 से 10 साल नौकरी करते हुए हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों की भी यही स्थिति है, जबकि सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान ही 11 हजार 800 रुपए है।
प्रदेश भऱ के सभी शासकीय विभाग, अर्द्धसरकारी संस्थानों में नौकरी करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी रविवार को भोपाल में प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन सरकरा से अनुमति नहीं मिल रही थी। शनिवार को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा था कि गांधी जी के देश में सत्याग्रह करने के लिए जगह नहीं मिल रही है। यह सरकार की तानाशाही रवैया है। जिसके बाद शनिवार देर रात उनको जिला प्रशासन की ओर से इस प्रदर्शन की अनुमति मिली है। आंदोलन कारियों में ग्राम पंचायतों के चौकीदार, भृत्य, पंप आपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूलों, छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई कर्मचारी, निगम मंडल, नगरीय निकाय, सहकारिता के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मी, शासकीय विभागों के आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर, अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों के वार्ड न्याय, सुरक्षाकर्मी, सहित चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी, मंडियों, राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, यूनिवर्सिटी, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक, शिक्षा विभाग के व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहित सभी शासकीय अर्द्धशासकीय विभागों के अस्थायी, आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं।