नौ सेना के हीरो आईएनएस विराट की होगी विदाई

Feb 24, 2017

मुंबई। भारतीय नौसेना का हीरो और समुद्री रास्ते दुनिया के 27 चक्कर लगा चुका विमानवाहक जहाज आईएनएस विराट अब रिटायर होने जा रहा है। तीस साल की सेवा के बाद विदा हो रहे विराट के भविष्य को लेकर नौसेना के अफसरों और जवानों में आशंका है। उन्हें लग रहा है कि कहीं आईएनएस विक्रांत की तरह विराट को भी किसी कबाड़ी के हाथ न बेच दिया जाए। सभी का मानना है कि विराट को सैन्य संग्रहालय बना देना चाहिए क्योंकि यह भारतीय नौ सेना की ताकत का प्रतीक है।
आईएनएस विराट को नौसेना में 'ग्रैंड ओल्ड लेडी' भी कहा जाता है। यह जहाज नौसेना की शक्ति का प्रतीक था, जो कहीं भी जाकर समुद्र पर धाक जमा सकता था। कोशिश हो रही है कि आंध्र प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच कोई समझौता हो जाए और आईएनएस विराट को एक सैन्य संग्रहालय बना दिया जाए। माना जाता है कि ऐसा करने में करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे लेकिन ये धन कौन खर्च करेगा इस पर विवाद है। करीब 226 मीटर लंबे और 49 मीटर चौड़े आईएनएस विराट के लिए समुद्र के किनारे ऐसी जगह की ज़रूरत है जहां ज़रूरी आधारभूत सुविधाएं हों और ये तूफ़ान से सुरक्षित हो। आंध्र प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति सचिव श्रीकांत नागुलापल्ली ने बीबीसी को बताया कि विराट के भविष्य पर राज्य और केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय और नागरिक विकास मंत्रालय संपर्क में हैं। नौसेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक अभी कुछ भी तय नहीं है।
आईएनएस विराट ने 30 साल भारतीय नौसेना की सेवा की और 27 साल ब्रिटेन की रॉयल नेवी के साथ गुज़ारे।  वर्ष 1987 में भारत ने इसे ब्रिटेन से खरीदा था। उस वक्त इसका ब्रितानी नाम एचएमएस हरमीज़ था। ब्रितानी रॉयल नेवी के साथ विराट ने फॉकलैंड युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस जहाज़ पर 1944 में काम शुरू हुआ था। उस वक्त दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था। रॉयल नेवी को लगा कि शायद इसकी ज़रूरत न पड़े तो इस पर काम बंद हो गया, लेकिन जहाज़ की उम्र 1944 से गिनी जाती है। करीब 15 साल जहाज़ पर काम हुआ और 1959 में ये जहाज़ रॉयल नेवी में शामिल हुआ। भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद आईएनएस विराट ने जुलाई 1989 में ऑपरेशन जुपिटर में पहली बार श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन में हिस्सा लिया। वर्ष 2013 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी। समुद्र में 2250 दिन गुज़ारने वाला ये महानायक छह साल से ज़्यादा वक्त समुद्र में बिता चुका है जिस दौरान इसने दुनिया के 27 चक्कर लगा चुका है। यह जहाज़ एक छोटा शहर है। इसमें लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं हैं। 28700 टन वजनी इस जहाज़ पर 150 अफ़सर और 1500 नाविकों की जगह है। अगस्त 1990 से दिसंबर 1991 तक रिटायर्ड एडमिरल अरुण प्रकाश आईएनएस विराट के कमांडिंग अफ़सर रहे। उन्हें उम्मीद है कि विराट को कबाड़खाने जाने से बचा लिया जाएगा।