नेक कामों की सूची भी सजा से नहीं बचा पाई बाबा को
खरी खरी संवाददाता
चंडीगढ़ 28 अगस्त। तथा कथित नेक कामों की पूरी फेरहिस्त अदालत के सामने रखने और रहम की भीख मांगने के बावजूद अदालत नहीं पसीजी और डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम को रेप के दो मामलों में दस-दस साल की सजा सुना दी। बाबा के ही वकीलों के अनुसार दोनों सजाएं एक साथ नहीं चलेंगी, इसलिए बाबा को कुल बीस साल की सजा होगी।
रेप के मामले में 25 अगस्त को अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद बाबा राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल भेज दिया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर सजा सुनाने के लिए आज जेल परिसर में ही कोर्ट लगाई गई थी। मामले को देख रहे सीबीआई के विशेष जज को हेलीकाप्टर से कड़ी सुरक्षा में जेल परिसर लाया गया। यहां लगी अदालत के समक्ष बाबा को पेश किया गया। दोनों पक्षों के वकीलों ने सजा को लेकर अपने अपने तर्क दिए। सीबीआई के वकील जहां मामले को जघन्य बताते हुए अधिक से अधिक सजा दिए जाने की मांग कर रहे थे। वहीं बाबा के वकीलों ने सजा कम से कम दिए जाने की मांग करते हुए समर्थन में कई तर्क दिए। बाबा के वकीलों का कहना था कि यह 18-19 साल पुराना केस है और इसके बाद इनके ख़िलाफ कोई मुकदमा दायर नहीं हुआ है, सज़ा भी नहीं हुई है। उन्होंने बाबा के स्वास्थ्य का भी हवाला दिया। अदालत को इनके द्वारा किए गए मानवता की भलाई के 133 कामों के बारे में भी बताया। राम रहीम खुद पूरे समय हाथ जोड़े खड़े रहे है और माफी मांगते हुए अदालत से रहम की अपील की। लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने सारे तर्कों को ठुकराते हुए राम रहीम को रेप के दो अलग अलग मामलों में दस दस साल की सजा सुनाई। उसके बाद बाबा को वापस जेल के सींखचों में भेज दिया गया। गुरमीत राम रहीम के वकील एस.के. गर्ग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दो मामलों में 10-10 साल सज़ा सुनाई गई हैं और ये दोनों सज़ाएं एकसाथ नहीं चलेंगी। इस तरह कुल सजा बीस साल की होगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों मामलों में 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इनमें से 14-14 लाख रुपये दोनों मामलों की पीड़िताओं को दिए जाएंगे। गर्ग ने कहा कि फ़ैसले को पढ़ने के बाद आगे ज़रूर हम अपील करेंगे।