नितिन गड़करी नेे कहा -जो घर नहीं चला सकतेे वे देश क्या चलाएंगे
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने एक बार फिर पार्टी को संकट में डालने वाला बयान दिया है। उनके बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी माना जा रहा है। नितिन गड़करी पिछले कुछ समय से अपने बयानों के चलते चर्चा में बने रहते हैं। उनके बयान पार्टी को मुश्किल में डालते हैं और विपक्ष को टिप्पणी करने का मौका दे देते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में कहा कि लोग उनसे जब कहते हैं कि वे अपना सब कुछ छोड़कर पार्टी में काम करना चाहते हैं, तो उनसे मैं कहता हूं कि पहले आप अपना घर चलाइए और घर वालों की देखभाल करिए फिर पार्टी के बारे में सोचिए। गडकरी का इसके पीछे तर्क है कि जो अपना घर नहीं चला सकता है, वह देश क्या चलाएगा। गड़करी के इस तर्क और बयान ने सियासी हल्कों में चर्चा गर्मा दी है। नितिन गडकरी ने विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए जो ऐसा नहीं कर सकता, वो 'देश नहीं संभाल सकता।
इससे पहले, 27 जनवरी को महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान चुनाव में किए जाने वाले वादों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा था कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए वही सपने दिखाओ जो पूरे हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, 'मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं, जो भी बोलता हूं वह डंके की चोट पर बोलता हूं। नितिन गडकरी इससे पहले बीजेपी के 'अच्छे दिन' के स्लोगन पर भी सवाल उठा चुके हैं। टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा था कि 'अच्छे दिन' होते ही नहीं हैं, यह तो मानने वाले पर निर्भर करते है।
इसके अलावा 26 जनवरी को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा था, '10 लाख करोड़ से ज्यादा का काम मैंने कराया, लेकिन कोई भी मुझ पर एक रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता है। मैं घोषणा हवा में नहीं करता, जो बोलता हूं डंके की चोट पर करके दिखाता हूं।