नर्मदा के तट पर 35 परिवारों के 190 लोग इस्लाम छोड़कर सनातनी बने
खरी खरी संवाददाता
देवास, 1 अगस्त। मध्यप्रदेश के देवास जिले में 190 मुस्लिमों ने सनातन धर्म अपना लिया है। दावा है कि उनके पूर्वज सनातनी थे और किसी कारणवश इस्लाम धर्म अपना लिया था। इसलिए इस बदलाव को धर्म परिवर्तन के बजाय घर वापसी कहा जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में घर वापसी से देवास ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में चर्चा हो रही है।
पवित्र नर्मंदा के तट पर बसे नेमावर में यह घटना हुई। नेमावर के पास के एक गांव के 35 परिवारों के 190 लोगों ने पुन: हिंदू धर्म में वापसी की है। इनमें लगभग 55 पुरुष, 50 महिलाएं और शेष बच्चे सम्मिलित हैं। संतों के सानिध्य में विधि-विधान से हुई स्वधर्म में वापसी हुई। स्वधर्म वापसी के समय नेमावर के संत रामस्वरूप दासजी शास्त्री और रतलाम के संत आनंदगिरि महाराज उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान मुंडन, नर्मदा स्नान, यज्ञोपवीत कार्यक्रम तथा हवन संपन्न हुआ। ये लोग घुमंतु समाज से संबंधित है। इन परिवारों के पूर्वज पूर्व में किसी कारण से मुस्लिम हो गए थे। किंतु फिर भी वे कुलदेवी चामुंडा का पूजन करतें थे, विवाह की पद्धति भी हिंदू परिवारों की ही तरह रहती थी। अपने घर वापसी पर अनुभव साझा करते हुए रामसिंह (पूर्व में मोहम्मद शाह) ने कहा कि हमारे पूर्वज भले ही परिस्थितिवश मुस्लिम हो गए थे, पर हमारे रक्त में हिंदू संस्कार ही प्रवाहित हो रहें हैं। अपने स्वधर्म में वापसी से हमें अत्यंत हर्ष है।