देश में कामन सिविल कोड का कानून लाने का संकेत दे गए पीएम मोदी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 28 जून। केंद्र सरकार देश में कामन सिविल कोड यानि समान नागरिक संहिता का कानून लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। इसका संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के अपने कार्यक्रम दिया। तीन तलाक जैसे मुद्दे को आधार बनाकर मोदी सरकार यह कदम उठा सकती है।
कश्मीर में धारा 370 का समापन, अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता आदि ऐसे मुद्दे हैं जो भाजपा ही नहीं आरएसएस की लिस्ट में टाप पर हैं। केंद्र में भाजपा की ताकतवर सरकार बनने के बाद संघ के कई एजेंडों पर काम पूरा हो गया है।इनमें धारा 370 का समापन औऱ राम मंदिर का निर्माण शामिल है। अब कामन सिविल कोड पर सरकार की नजर है। इसलिए मोदी सरकार देश में माहौल तैयार करने की कवायद में जुटी है। मंगलवार को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भाजपा के बड़े संगठनात्मक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी कड़ी को आगे बढ़ाया। पीएम ने अपने भाषण में तीन तलाक का जिक्र करते हुए कहा कि देश में जो लोग भी तीन तलाक के समर्थन में बात करते हैं, वो मुस्लिम बेटियों के साथ अन्याय करते हैं। इससे सिर्फ बेटियों को नुकसान नहीं है, बल्कि पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक मुस्लिम देशों में तीन तलाक बंद है। उन्होंने कहा कि अभी मैं इजिप्ट गया था, वहां की आबादी में 90 प्रतिशत सुन्नी मुस्लिम हैं, लेकिन वहां 80-90 साल पहले से तीन तलाक बंद है। पीएम ने सवाल किया कि अगर ये इस्लाम का अंग है, तो पाकिस्तान, इंडोनेशिया में तीन तलाक क्यों नहीं होता, कतर, जोर्डन, सीरिया और बांग्लादेश में क्यों नहीं होता? उन्होंने कहा कि जो लोग तीन तलाक का समर्थन करते हैं, वे वास्तव में मुस्लिम बेटियों पर अत्याचार करने की छूट चाहते हैं और इसीलिए आज मुस्लिम बेटियां भाजपा के साथ, मोदी के साथ खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को ये सोचना होगा कि कौन उन्हें भड़काकर इसका फायदा उठा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर परिवार के एक सदस्य के लिए अलग नियम हो और दूसरे के लिए अलग हो, तो परिवार चलेगा क्या? ऐसी व्यवस्था से देश कैसे चल सकता है? उन्होंने कहा कि संविधान में भी समान अधिकारों की बात है। सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि कॉमन सिविल कोड लाओ, लेकिन वोटबैंक के भूखे लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये वास्तव में मुस्लिमों के हितैषी होते, तो मुसलमान भाई-बहनों में इतनी अशिक्षा, बेरोजगारी नहीं रही होती। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुसलमानों में ही कई ऐसे वर्ग हैं, जिन्होंने पसमांदा भाई-बहनों का जीना मुश्किल कर दिया है। इन्हें बराबरी का दर्जा नहीं है और इनका शोषण किया जाता है। पसमांदा लोग उनके साथ हुए शोषण के चलते इतने पिछड़े हुए हैं कि इसका नुकसान उनकी कई पीढ़ियों को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सबका साथ-सबका विकास पर काम कर रही है और पसमांदा भाइयों को भी प्रधानमंत्री आवास, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जब आप इन तथ्यों और तर्कों के साथ मुस्लिम भाइयों के बीच जाएंगे, तो निश्चित रूप से उनका भ्रम दूर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का विश्लेषण किया जाए तो साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार समान नागरिक संहिता कानून बनाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए उन राज्यों में माहौल तैयार किया जा रहा है जहां इस साल के अंत में चुनाव है। मध्यप्रदेश में भी इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं। इसलिए पीएम मोदी को समान नागरिक संहिता के लिए माहौल तैयार करने किए लिए एमपी बहुत मुफीद राज्य लग रहा है। शायद इसीलिए उन्होंने सियासी गेंद फेंक दी है।