तीन तलाक पर कानून बनने का रास्ता साफ, राज्य सभा से भी बिल पास
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 30 जुलाई। तीन तलाक बिल के कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। राज्यसभा ने आज तीन तलाक बिल को बहुमत से पारित कर दिया। राज्य सभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 सांसदों ने वोट किया। इसके पहले बिल को सदन की सिलेक्ट कमेटी को भेजे जाने का प्रसताव 84 के मुकाबल 100 वोटों से गिर गया। उसके बाद वोटिंग के जरिए बिल को पारित किया गया। लोकसभा इस बिल को पहले ही पास कर चुकी है। अब यह बिल राष्ट्रपति को भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर होते ही तीन तलाक पर कानून बन जाएगा। इस तरह मोदी सरकार ने एक इतिहास रच दिया। राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए तीन तलाक विधेयक पर चर्चा पूरी हो गई है। सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाना वाला प्रस्ताव 100/84 से गिर गया। यानी बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के पक्ष में जहां 84 लोगों ने वोट किया, वहीं 100 लोगों ने इसके विरोध में वोट किया। बता दें कि इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में विधेयक को पेश किया। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस ने इसके लिए व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। लोकसभा पहले ही इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है। यह विधेयक पिछली लोकसभा में भी पारित हुआ था पर राज्यसभा ने इसे लौटा दिया था। सरकार कुछ बदलावों के साथ यह बिल दोबारा लेकर आई है। बीजेडी ने तीन तलाक को लेकर कहा है कि पार्टी राज्यसभा में बिल का समर्थन करने जा रही है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में ट्रिपल तालक बिल पेश करते हुए कहा कि यह लैंगिक न्याय, गरिमा और समानता का मामला है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति से इस कानून को न देखें। उन्होंने कहा कि इसे राजनीति के चश्मे से न देखें। तीन तालक बिल पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि यह विधेयक शादी पर अधिकारों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन असली मकसद परिवारों का विनाश करना है। जेएंडके पीडीपी के नेता नजीर अहमद ने तीन तलाक पर चर्चा के दौरान कहा कि जब से मैं पैदा हुआ तब से मेरे घर में तलाक नहीं हुआ। मेरी गुजारिश है कि यह केवल मुस्लिमों के लिए क्यों बना रहे हैं। हमें सभी धर्मों के लिए बनाना चाहिए। इस बिल के अनुसार, अगर वालिद को जेल में डालेंगे तो बच्चों का क्या होगा। बच्चों को भी जेल में डालेंगे क्या?