तिहाड़ में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से मिली जमानत
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 20 जून। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कथित शराब घोटाले मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ज़मानत दे दी है। शुक्रवार को बेल बॉन्ड ड्यूटी जज के सामने पेश किया जाएगा। अगर बॉन्ड स्वीकार कर लिया जाता है तो शुक्रवार को ही उनकी रिहाई होगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में कथित अनियमितता के मामले में 21 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था। कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम ज़मानत दी थी, जिसकी अवधि बीते एक जून को पूरी हुई और 2 जून को केजरीवाल तिहाड़ जेल वापस चले गए थे। केजरीवाल के अधिवक्ता विवेक जैन ने ज़मानत दिए जाने की पुष्टि की है। इसी मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में हैं।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति (आबकारी नीति 2021-22) नवंबर 2021 में लागू की थी। नई आबकारी नीति लागू करने के बाद दिल्ली का शराब कारोबार निजी हाथों में आ गया था।दिल्ली सरकार ने तर्क दिया था कि इससे इस कारोबार से मिलने वाले राजस्व में वृद्धि होगी। दिल्ली सरकार की यह नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब यह विवाद बहुत बढ़ गया तो नई नीति को ख़ारिज करते हुए सरकार ने जुलाई 2022 में एक बार फिर पुरानी नीति को ही लागू कर दिया। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई 2022 को उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, आर्थिक अपराध शाखा नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भेजी गई एक रिपोर्ट में सरकार के इस कदम को गलत बताया। एक्साइज डिपार्टमेंट के प्रभारी होने के नाते उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंज़ूरी के बिना नई आबकारी नीति के ज़रिए फ़र्ज़ी तरीक़े से राजस्व कमाने के आरोप लगाए गए। सीएस का रिपोर्ट में कहना था कि एक बार लागू हो चुकी नीति में किसी भी बदलाव से पूर्व आबकारी विभाग को पहले कैबिनेट और फिर उप-राज्यपाल के पास अनुमति के लिए भेजना होता है। कैबिनेट और उप-राज्यपाल की अनुमति के बिना किया गया कोई भी बदलाव ग़ैर-क़ानूनी कहलाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक़ कोरोना के समय शराब विक्रेताओं ने लाइसेंस शुल्क माफ़ी के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क किया था। सरकार ने 28 दिसंबर से 27 जनवरी तक लाइसेंस शुल्क में 24.02 प्रतिशत की छूट दे दी। रिपोर्ट के मुताबिक़ इससे लाइसेंसधारी को अनुचित लाभ पहुंचा, जबकि सरकारी ख़ज़ाने को लगभग 144.36 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ। यही रिपोर्ट सीबीआई को भेजी गई जिसके आधार पर बीते साल मनीष सिसोदिया को गिरफ़्तार किया गया। मनीष सिसोदिया पर विदेशी शराब की क़ीमतों में बदलाव करने और प्रति बीयर 50 रुपये आयात शुल्क हटाकर लाइसेंस धारकों को अनुचित फ़ायदा पहुंचाने का आरोप था। इस केस में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी गिरफ्तार किए गए थे जो जमानत पर जेल से बाहर हैं। इसी मामले में इस साल 21मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया गया था। अब करीब तीन महीने बाद उन्हें स्थायी जमानत मिल सकी है।