झाबुआ में कांग्रेस पार्टी की हार कमलनाथ सरकार के लिए बनी संजीवनी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 4 जून। मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रदेश की 29 में से 28 लोकसभा सीटें हारकर भले ही सियासी निशाने पर हो लेकिन झाबुआ सीट पर पार्टी की हार सरकार के लिए संजीवनी बन गई है। इस सीट पर भाजपा की जीत से उसका एक विधायक कम हो जाएगा, क्योंकि सांसद के लिए जीते उसके विधायक जीएस डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे। विधानसभा में एक एक विधायक के लिए हो रही जद्दोजेहद के बीच भाजपा का एक विधायक कम होना सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए राहत की सांस लेने वाला होगा।
भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में कांग्रेस के लिए चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस की सरकार अपने 114 विधायकों की दम पर अल्पमत में चल रही है। ऐसे में उसे आए दिन भाजपा की इस धमकी का सामना करना पडता है कि सरकार कभी भी गिरा दी जाएगी। ऐसे में भाजपा की विधाययक संख्या 109 में कमी आना कांग्रेस को राहत देने वाला है। भाजपा ने झाबुआ से जीएस डामोर को चुनाव मैदान में उतारा था। डामोर विधानसभा के सदस्य हैं और उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को हराकर लोकसभा चुनाव जीत लिया। उनकी जीत के बाद से ही इस बात की चर्चा सियासी गलियारों मे गर्म थी कि डामोर विधायकी छोड़ेंगे या फिर सांसदी से इस्तीफा देंगे। अब इसका फैसला हो गया है। भाजपा हाईकमान ने तय किया है कि डामोर सांसद पद पर रहेंगे और विधायक पद से इस्तीफा देंगे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में भाजपा हाईकमान ने झाबुआ भाजपा संगठन और स्वयं गुमान सिंह डामोर की इच्छा को माना और उनकी मंशा अनुसार ही यह निर्णय दिया है। मध्यप्रदेश में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 109 है। डामोर के इस्तीफा देने के बाद अब भाजपा के विधायकों की संख्या 108 हो जाएगी। झाबुआ विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होगा, ऐसे में विधानसभा में बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 2 सदस्यों की दूरी पर बैठी कांग्रेस इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा सकती है। झाबुआ जिला संगठन ने पार्टी हाईकमान को यह आश्वस्त किया है कि यहां जब भी उप चुनाव होंगे ,विधायक की सीट पर भी भाजपा का कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। डामोर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस को अब सदन में बहुमत साबित करने के लिए केवल एक और विधायक की आवश्यकता है क्योंकि अब मध्य प्रदेश में विधायकों की संख्या 229 हो जाएगी । ऐसे में 115 विधायकों से बहुमत सिद्ध किया जा सकता है। जाहिर है कांग्रेस के पास 114 विधायक है, वही निर्दलीयों और सपा, बसपा का समर्थन भी है, तो ऐसे में कांग्रेस अब आश्वस्त है कि उसका बहुमत सदन में हमेशा बना रहेगा।