चुनाव की घोषणा के पहले निर्वाचन आयोग में दो नए आयुक्त नियु्क्त
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 14 मार्च। लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले केंद्र सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग का कोरम पूरा कर दिया है। आयोग में दो नए आयुक्तों की नियुक्ति का फैसला हो गया है। दो नए आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार होंगे।
चुनाव आय़ोग में दो आयुक्तों के पद हाल में खाली हुए थे। अनूप चंद्र पांडेय सेवानिवृत्त हो गए थे और अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि अरुण गोयल के मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ कुछ मतभेद हो गए थे। लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। ऐसे में चुनाव आयुक्त के खाली पदों को भरना बहुत जरूरी हो गया था। आखिरकार सरकार ने खाली पदों के लिए नामों का चयन कर राष्ट्रपति को भेज दिए। इसके लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर एक बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हुए। बैठक के बाद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी है।
केरल कैडर के आईएएस हैं ज्ञानेश कुमार
चुनाव आयुक्त बनाए गए ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उनका जन्म 1964 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। मई 2016 में ज्ञानेश को गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया गया था। वहीं मई 2022 में ज्ञानेश कुमार को सहकारिता मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया था। उस वक्त ज्ञानेश संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। ज्ञानेश कुमार के गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद-370 हटा था।
उत्तराखं
ड के मुख्य सचिव रहे हैं संधूदूसरे चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तराखंड के मुख्य सचिव रहे सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसएस संधू का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं। डॉ. संधू केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव उच्च शिक्षा थे। वह 2011 तक पंजाब सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहे। वह ऊधमसिंह नगर जिले के पहले कलेक्टर भी रहे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सचिव का दायित्व भी निभाया। बादल सरकार में वह मुख्यमंत्री के सचिव रहे। उत्तराखंड सरकार में उन्हें लोनिवि, कार्मिक, औद्योगिक विकास समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का अनुभव रहा।