चीता प्रोजेक्ट को लगते ग्रहण के बीच सरकार लेगी बड़े फैसले
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 18 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट चीता को मध्यप्रदेश सरकार सहेज नहीं पाई। इस प्रोजेक्ट के तहत दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों की मौत तमाम सवाल खड़े कर रही है। हाल ही में एक और चीते की मौत के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने पीपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को रिटायरमेंट के दो महीने पहले बदल दिया। अब सभी चीतों की मेडिकल जांच के बाद उनकी गर्दन पर लगे घाव के लिए जिम्मेदार माने जा रहे रेडियो कालर को हटाने का फैसला लिया जाएगा। प्रोजेक्ट चीता को बचाने के लिए सरकार और भी कई बड़े फैसले ले सकती है।कूनो नेशनल पार्क में दो अफ्रीकी चीतों-तेजस की मौत हो चुकी है जिससे चीता प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अफसरों में चिंता व्याप्त है। इस घटनाक्रम के दौरान आज को संचालन समिति संपन्न बैठक में दक्षिण अफ़्रीका के एक पशुचिकित्सक एड्रियन टॉर्डिफ़ ने भाग लिया। टॉर्डिफ़ ने कहा कि मुझे आखिरी मिनट में बुलाया गया और समझौते की शर्तों, खासकर हमारी सक्रिय भागीदारी पर चर्चा हुई। टॉर्डिफ ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को संचालन समिति की चर्चाओं में उनकी सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया गया। उनका कहना था कि भारतीय और दक्षिण अफ़्रीकी पशु चिकित्सकों के बीच बेहतर संचार होगा। एक अधिकारी के अनुसार, इस बीच, बैठक में गीले और आर्द्र मौसम के कारण गर्दन के आसपास संक्रमण की रिपोर्ट के बाद सभी चीतों की चिकित्सा जांच करने का भी निर्णय लिया गया, जहां रेडियो कॉलर लगाए जाते हैं।