ग्रुप पेंटिंग एक्जिबीशन : कैनवास पर जीवंत हुए जिंदगी के भावुक रंग
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 25 नवंबर। रंग रेखा आर्ट एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा स्वराज भवन की रंग भी वीथिका में आयोजित सामूहिक चित्र प्रदर्शनी रंग रेखा-2019 दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी है।इसमें छोटी से लेकर बड़ी उम्र तक के 38 कलाकारों की 60 पेंटिंग्स को शामिल किया गया है। कलाकारों ने जिंदगी के तमाम भावुक रंगों को कैनवास पर जीवंत किया है। कई कलाकारों ने लोकजीवन के रंगों को भी इसमें शामिल किया है।
स्वराज भवन की कला वीथिका में आयोजित इस ग्रुप पेंटिंग एक्जिबीशन की एक बड़ी खूबी यही है कि इसमें स्कूल में पढने वालों कलाकारों से लेकर पेंटिंग्स में माहिर सीनियर कलकारों तक की पेंटिंग्स शामिल की गई हैं। सीनियर आर्टिस्ट मंजू मिश्रा ने अपनी पेंटिंग में कोणार्क के सूर्य मंदिर को उकेरा है। इसमें एक तरफ जहां सूर्य मंदिर का प्राचीन इतिहास बताने वाली छोटी-छोटी मूर्तियों को दिखाया गया है। वहीं दूसरी तरफ ओड़िसी नृत्य करती एक नृत्यांगना को भी दर्शित किया गया है। पेंटिंग के कलर कांम्बिनेसन इसे बहुत खूबसूरत बनाते हैं। मंजू मिश्रा बताती हैं कि उन्होंने यह पेंटिंग फ्रैबिक्स के साथ बनाई है। उनकी दूसरी पेंटिंग में एक राजस्थानी युवक को चारकोल से तैयार किया गया है। उसकी पगड़ी को कलरफुल फैब्रिक से नाया गया है। एक अन्य आर्टिस्ट शीतल गौर ने अपनी पेंटिंग में मनुष्य और जानवरों के बीच के स्नेह और भावनाओँ को प्रदर्शित किया है। पेंटिंग में दिखाया गया है कि एक बच्चा लंबे समय बाद अपने घोड़े से मिलता है तो घोड़े की आंख से भी आंसू छलक आते हैं। इस मिलन को बहुत सुंदर तरीके से दिखाया गया है। प्रदर्शनी में शामिल एक पेंटिग में राजस्थानी पृष्ठभूमि के एक प्रेमी युगल को दिखाया गया है। यह पेटिंग कक्षा में पढ़ने वाली सिद्धि अवस्थी ने तैयार की है। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बहुत खूबसूरत तरह से एक प्रेमी युगल को बैठे दिखाया है। इसमें राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है। एक अन्य कलाकार जाहिरा काजी ने अपनी पेंटिंग में मां और बच्चे के बीच के अनमोल प्यार को दिखाया है। वे कहती हैं कि मातृत्व का दुलार अनोखा होता है। हर मां अपने बच्चे को बहुत प्यार करती है। उन्होंने अपनी पेंटिंग में उन्हीं भावनाओं को दिखाने की कोशिश की है। ग्यारहवीं की छात्रा अनन्या गुप्ता ने अपनी पेंटिंग का विषय बाल विवाह को बनाया है। मांडना डिजाइन में बनाई गई इस पेंटिंग में उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि एक सामाजिक कुरीति कितना नुकसान करती है।