गौ रक्षा का दम भरने वाली सरकार की गौशाला में एक दिन में 85 गायों की मौत
जयपुर। गौरक्षा का दम भरने वाली पार्टी की सरकार की नाक के नीचे एक ही दिन में 85 गायों की मौत हो गई। हादसा सरकारी गौशाला में हुआ, लेकिन सरकार और उसकी पार्टी दोनों आंखें बंद किए रहे। अब मामला सामने आने पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया और तमाम दावे किए जा रहे हैं।
यह मामला राजस्थान में जयपुर नगर निगम की सरकारी गौशाला हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र में हुआ। उस राजस्थान में जहां हिंदुत्व और गौरक्षा का दम भरने वाली भाजपा की सरकार है। उस जयपुर में हुआ जहां से महारानी की सरकार चलती है। मीडिया में हंगामा मचने के बाद सरकार की नींद खुली है, लेकिन वह गायों को बचाने से ज्यादा अपने बचाव पर ध्यान केंद्रित किए है। पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं कि इस गौशाला में एक ही दिन में 85 गायों के मरने की घटना हुई है। यह हादसा इसलिए हुआ कि पहले से ही अव्यवस्थाओं का केंद्र बनी गौशाला में कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। गौशाला का रिकार्ड बताता है कि औसतन 40 गायों की मौत यहां अमूमन हो रही है। एक जुलाई से अभी तक करीब डेढ़ हजार गायों की मौत हो चुकी है।
यह तस्वीर उस राज्य की है जहां गाय पालन के लिए अलग से सरकारी विभाग है। अब गाय पालन विभाग और गौशाला संचालित करने वाली जयपुर नगर निगम का कर्ता धर्ता नगरीय प्रशासन विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि गौशाला में बाड़ों से पानी की निकासी का सही इंतजाम नहीं होने की वजह से बहुत सी गायें कीचड़ में धंसकर निकल नहीं पाईं। कई अन्य ने भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया। गायों की मौत पर हंगामा हुआ तो सरकार ने जयपुर के हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र के उपायुक्त और प्रभारी को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया। हाई कोर्ट के निर्देश पर गौशाला के बारे में रिपोर्ट तैयार करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गौशाला का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने गायों की देखभाल में हुई लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच कराने और चार दिन के अन्दर स्थिति सुधारने के निर्देश दिए हैं। गायों के स्वास्थ्य पर निगरानी के लिए पशु चिकित्सकों सहित 60 सदस्यों की टीम तैनात की गई और फिर हड़ताली कर्मचारी भी काम पर लौट आये। कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि मंदिर और गाय भाजपा के लिए आस्था से ज़्यादा सियासत का केंद्र रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला में लगातार गायों के मरने पर भी केंद्र सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया।
उधर सरकार दावा कर रही है कि अधिकतर उन गायों की मौत हो रही है जो उपचार के लिए हिंगोनिया लाई जा रही हैं। इस गौशाला में 8,000 से अधिक मवेशी हैं। प्रदेश सरकार के पशुपालन सचिव कुंजीलाल मीणा के मुताबिक बीते दिनों आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए चलाये गए अभियान से गौशाला में गायों की संख्या बढ़ गई थी जिसमें से ज़्यादातर कुपोषित और रोगी थीं। अब सरकार चाहे जितने दावे करे लेकिन गायों की मौत ने सरकार की जमकर किरकिरी करवा दी।