कोलकाता समिट में 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले
खरी खरी संवाददाता
कोलकाता, 20 सितंबर। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए देश के बड़े औद्योगिक नगरों में रोड शो, इनवेस्टर्स समिति,उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा आदि के क्रम में प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कोलकाता में समिट का आयोजन किया। इसमें मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने उद्योगपतियों से विभिन्न मंचों पर चर्चा कर उन्हें मध्यप्रदेश में निवेश के लिए न्यौता दिया। इस समिट में लगभग 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। ये निवेश प्रस्ताव खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त हुए। इन निवेश प्रस्तावों से 9,450 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कोलकाता समिट के चर्चा सत्र में कहा कि हम उद्योगपतियों के साथ सकारात्मक और सहयोगी दृष्टिकोण से कार्य के इच्छुक हैं। मध्यप्रदेश उद्योगपतियों का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि युक्ति, बुद्धि, क्षमता, योग्यता में भारतीय विश्व में अग्रणी हैं, लेकिन उपलब्धियां अर्जित करने के लिए शासन की सकारात्मक सोच और अनुकूलता आवश्यक है। शासन के सभी अंगों में समन्वय, और सहयोगी वातावारण से ही परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक सेक्टर के लिए पर्याप्त संभावनाएं विद्यमान हैं। प्रदेश, कोयम्बटूर हो या कोलकाता, सभी क्षेत्रों के लोगों की उद्यमशीलता और सृजनशीलता को प्रदेश आमंत्रित करता है। राज्य सरकार हर संभव सहयोग और सहायता देने को तत्पर है। रेडीमेड गारमेंट, माइनिंग, ऊर्जा हो या पर्यटन का सेक्टर, सभी क्षेत्रों के मध्यम एवं भारी उद्योग प्रदेश में आमंत्रित हैं, राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियां पर्याप्त लचीली और समावेशी हैं। राज्य सरकार खुले दिल से उद्योगों का स्वागत करने के लिए आतुर है।
बड़े निवेशक भी शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलकाता के होटल जे.डब्ल्यू. मैरियट में दीप प्रज्ज्वलित कर समिट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रेसीडेंट सीआईआई एवं आईटीसी समूह के अध्यक्ष व एमडी संजीव पुरी, मध्यप्रदेश बिरला ग्रुप के एमडी व सीईओ संदीप घोष, स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के एमडी आलोक बिरला, टाटा स्टील्स के एम.डी. संदीप कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।शुभारंभ सत्र में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विस्तार और निवेश लिए उपलब्ध अधोसंरचना, सुविधाओं व अन्य संभावनाओं पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। उद्योगपतियों और सरकार के बीच सीधे संवाद के इस महत्वपूर्ण मंच पर मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने और व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से देश-विदेश से आए लगभग 700 डेलिगेट्स और कई देशों के कांसुलेट एवं प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
राउंड टेबल मीटिंग
इन्वेस्टर्स समिट में सीएम ने स्टील और मिश्र धातु निर्माण, लॉजिस्टिक, हौजरी व टेक्सटाइल एवं नैस्कॉम पर केन्द्रित राउंड टेबल मीटिंग भी की। इस राउंड टेबल मीटिंग में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी निवेशकों से कहा कि प्रदेश से कच्चा माल दूसरे प्रदेशों और देशों में जाता है। हमारे प्रयास है कि प्रदेश से अन्य स्थानों पर जाने वाले कच्चे माल से प्रदेश में ही उत्पादन की श्रंखला विकसित हो। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और समृद्धि के नये द्वार भी खुलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में निवेशकों को उत्पादन यूनिट की स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियाँ और स्वीकृतियाँ शीघ्र प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए सभी आवश्यक व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा रहा है।
वन-टू-वन चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन्वेस्टर्स समिट में 31 प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की। मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन चर्चा में उद्योगपतियों के सुझाव पर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी बातों पर न केवल गंभीरता से विचार किया जायेगा, बल्कि प्रदेश के विकास के लिये "आउट ऑफ द वे" जाकर निराकरण भी किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन बैठक में विभिन्न उद्योगपतियों से उनकी आवश्यकताओं, चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। डॉ. यादव ने राज्य में निवेश की नीतियों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रतिबद्धता जताई और सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य राज्य में उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है, जिससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को फायदा हो, बल्कि बाहरी निवेशक भी प्रोत्साहित होकर मध्यप्रदेश में आकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ायें।