कलेक्टर ने अपने बंगले को बना दिया बच्चों के लिए अस्पताल
खरी खरी संवाददाता
सीधी, 19 जुलाई। आई.ए.एस. अफसरों के व्यवहार और कामकाज को लेकर आए दन सवाल उठाए जाते हैं। ऐसे में सीधी जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह ने सेवा भाव की एक नई मिसाल पेश की है। दस्तक अभियान के तहत खून की कमी पाए जाने पर जब सौ से अधिक बच्चे सीधी के जिला अस्पताल पहुंच गए तो वहां जगह की कमी पड़ गई। ऐसे जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह इन बच्चों को उनके परिजनों के साथ अपने बंगले ले गए। बंगले पर सभी के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कलेक्टर के काम की सराहना की है।
अभिषेक सिंह ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत दो दिन के अंदर आठ सौ से अधिक एनीमिक बच्चे आए। ब्लड ट्रांसफयूजन के बाद 25 से 30 बच्चे बचे हैं। बाकी बच्चों को जिला अस्पताल, निजी अस्पताल और मानस भवन में रखा गया है। बुधवार को सिहावल क्षेत्र से सौ से अधिक बच्चे आ गए, उन्हें रखने के लिए स्थान नहीं था। मैंने बंगले में रुकने की व्यवस्था की है। इलाज के बाद इन्हें घर वापस छोड़ा जाएगा। इस दरियादिली पर सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट करके सीधी कलेक्टर को बधाई दी है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, "सीधी में दस्तक अभियान के तहत बड़ी संख्या में इलाज कराने आये एनीमिक बच्चों और उनके परिजनों को ज़िला अस्पताल में जगह कम पढ़ने से अपने बंगले पर ले जाकर ठहराना और उनके खाने-पीने का इंतजाम करना वाकई काबिले तारीफ है।" दस्तक अभियान में अब तक जिले में 830 बच्चे एनीमिक के मिले हैं। कलेक्टर की पहल पर पांच सौ से अधिक बच्चों को जिला अस्पताल में खून चढ़ाया (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) जा चुका है। गुरुवार को सौ से अधिक बच्चों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाएगा। कलेक्टर की इस पहल से गांव से आए बच्चों के परिजन बेहद खुश हैं। कलेक्टर सिंह ने कहा कि प्रत्येक गंभीर एनीमिक बच्चे का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाएगा। प्रत्येक गंभीर एनीमिक बच्चे को जिला अस्पताल लाने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने, रुकने, भोजन तथा वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था की है।