कमलनाथ मंत्री-मंडल के ऐतिहासिक फैसलों का साल रहा 2019

Dec 30, 2019

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 30 दिसंबर। बीता साल मध्यप्रदेश के लिये उल्लेखनीय रहा। मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश के मंत्री-मंडल ने पिछले एक वर्ष में ऐतिहासिक फैसले लिए। इन फैसलों ने प्रदेश को एक नई गति दी, विकास के नए कीर्तिमान गढ़े और दी कमजोर वर्गों को नई ताकत। प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन मिला और मंदी से गुजर रहे रियल स्टेट को आगे बढ़ने का अवसर मिला।

किसानों के हित में---   प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था के आधार स्तंभ किसानों को राहत देने के एक बड़े फैसले के साथ 5 जनवरी को नए मंत्री-मंडल की पहली बैठक हुई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रदेश के किसानों के ऋण माफ करने का फैसला हुआ। देश में अब तक के इतिहास में किसी राज्य द्वारा किसानों के हित में लिया गया संभवत: यह पहला बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय था।

ऊर्जा --   बिजली उपभोक्ताओं को भी मंत्री-मंडल ने एक नई सौगात दी। कुल 100 यूनिट तक की खपत पर 100 रुपये तक बिजली बिल देने, 150 यूनिट बिजली जलने पर 50 यूनिट पर निर्धारित बिजली दर लेने और 100 यूनिट पर 100 रुपये का फिक्स चार्ज लेने का फैसला लिया गया। इससे गरीबों के साथ ही मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली। साथ ही दस हार्स पावर तक के कृषि उपभोक्ताओं की विद्युत बिल राशि को आधा करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू की गई।

पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण--- प्रदेश की आधी से अधिक आबादी पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया गया। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी गई।

रोजगार और सामाजिक न्याय--  रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए पूरे प्रदेश में कलेक्टर गाइड लाइन दर में 20 प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लिया गया। गरीब परिवारों को कन्या विवाह और निकाह योजना में दी जाने वाली 28 हजार रुपये की राशि बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई। प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए युवा स्वाभिमान योजना को मंजूरी दी गई। निराश्रितों और बुजुर्गों को दी जाने वाली 300 रुपये की पेंशन बढ़ाकर 600 रुपये की गई। प्रदेश की जीवन-दायिनी माँ नर्मदा एवं ताप्ती दोनों पवित्र नदियों के संरक्षण के लिए न्यास बनाने का निर्णय लिया गया।

आदिवासियों को संरक्षण, सम्मान--- आदिवासी वर्ग के हितों का संरक्षण करते हुए तेंदूपत्ता संग्रहण दर प्रति मानक बोरा दो हजार से बढ़ाकर 2500 रुपए करने का निर्णय लिया गया। तेंदूपत्ता मजदूरी और बोनस राशि का भुगतान नगद करने का भी निर्णय हुआ। आदिवासी संस्कृति के देव स्थानों के संरक्षण के लिए उनका जीर्णोद्धार शासन द्वारा  करने का निर्णय हुआ। आदिवासी भाइयों को ऋण से पूरी तरह मुक्ति दिलाने के लिए साहूकारी ऋण को माफ करने का फैसला हुआ। निरस्त वन अधिकार दावों का पुनरीक्षण तेजी से और पूरी पारदर्शिता से करने के लिए "वन मित्र" सॉफ्टवेयर खरीदने का फैसला लिया गया। आदिम जाति कल्याण विभाग की शालाओं में नियोजित अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि करने का फैसला हुआ।

नई रेत नीति-- अवैध उत्खनन पर पूरी तौर पर अंकुश लगाने और इस संपदा से सरकार के राजस्व में वृ‍द्धि करने के लिए नई रेत नीति को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे अधिक से अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी। छतरपुर में 364 हेक्टेयर (वन भूमि) क्षेत्र में हीरा खदान को नीलाम करने का निर्णय हुआ।

निवेश को प्रोत्साहन- उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लैंड पुलिंग योजना 2019 को प्रायोगिक तौर पर लागू करने की नीति स्वीकृत हुई। इंदौर को जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह ट्रस्ट से जोड़ने के लिए इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना के लिए पहली किश्त के रूप में 36 करोड़ 89 लाख रुपए स्वीकृत किए गए। औद्योगिक इकाइयों के लिए रूफ टॉप सौर परियोजना को मंजूरी मिली। अंतर्राष्ट्रीय निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए डाटा सेंटर स्थापना के लिए भूमि मूल्य पर 75 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय भी लिया गया। उद्यमियों और स्टार्ट अप को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई विकास नीति का अनुमोदन किया गया।

पर्यटन- पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने के लिए नयी ब्रांडेड होटल प्रोत्साहन नीति एवं पर्यटन नीति 2016 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दी गई। रिसार्ट बार लायसेंस को सरल बनाने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर निर्मित करने के लिए बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना अनुमोदित की गई।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का सुदृढ़ीकरण- प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ए.एन.एम. के दो हजार नियमित पदों पर अगले दो वर्ष में चरणबद्ध तरीके से नियुक्ति करने का निर्णय पाँच जुलाई को लिया गया। अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत विशेषज्ञ एवं स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारियों की संविदा नियुक्ति के लिए अंतिम अनुमोदन का अधिकार प्रशासकीय विभाग को देने की मंजूरी दी गई। चिकित्सा महाविद्यालयों में सातवां वेतनमान लागू किया गया। चिकित्सा विशेषज्ञों की शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्धता बढ़ाने के लिए छह पत्रोपाधि पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी गई। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 को स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री सुषेण चिकित्सक प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया।

महिलाओं के हक में- गत एक वर्ष में मंत्री-मंडल की बैठकों में महिलाओं के हित में भी फैसले लिए गए। महिला हेल्पलाइन को सशक्त बनाने के लिए 27 पदों पर आऊटसोर्स से नियुक्ति की मंजूरी दी गई। महिला हेल्पलाइन 181 को वन स्टाप सेंटर तथा अन्य हेल्पलाइन से जोड़ने का फैसला लिया गया। प्रदेश के छह शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, छतरपुर और जबलपुर में महिला सुरक्षा आधारित सेफ सिटी कार्यक्रम संचालित करने की मंजूरी दी गई।

खिलाड़ियों को प्रोत्साहन--  खिलाड़ियों को उच्च तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए तकनीकी विषय-विशेषज्ञों की सेवाओं के लिए नवीन मार्गदर्शी सिद्धांतों को स्वीकृत किया गया। भोपाल में वॉटर स्पोर्टस नोड की स्थापना के लिए रक्षा मंत्रालय को 0.607 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया।

अन्य निर्णय--  इन प्रमुख और व्यापक जनहित के फैसलों के अलावा भी वर्ष 2019 में प्रदेश मंत्री-मंडल ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिये। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी संचालनालय का गठन, छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय और उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना, 3 दिसंबर को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाने, भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल के लिए त्रिपक्षीय करार, मदरसों में मध्यान्ह भोजन, मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति तथा मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 का अनुमोदन, अधिमान्य वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने और मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्र-संस्करण योजना को लागू करने जैसे निर्णय हैं।

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